प्रयागराजः बाहुबली अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के दो बेटों की सोमवार को घर वापसी हो सकती है. माफिया के चौथे नंबर के बेटे अहजम और पांचवें नंबर के नाबालिग बेटे को सात महीने के बाद बाल संरक्षण गृह से छुट्टी करके परिवार के किसी सदस्य के सुपुर्द किया जा सकता है. कई महीनों से बाल संरक्षण गृह (Child Protection Home) में रहे माफिया के दोनों बेटों में से चौथे नंबर का बेटा चार दिन पहले ही बालिग हुआ है. इसके बाद अब बालिग हुए बेटे के साथ पांचवें नंबर के नाबालिग बेटे को भी किसी परिजन के सुपुर्दगी में दिया जाने वाला है.
बाल कल्याण समिति की तरफ से माफिया के बेटों की सुपुर्दगी का आदेश भी जारी हो चुका है.इसके बाद सोमवार को उनकी घर वापसी हो सकती है.हालांकि जिस घर में वो रहते थे वो और उनका पुस्तैनी घर प्रयागराज विकास प्राधिकरण की कार्यवाई में पहले ही जमींदोज किया जा चुका है. ऐसे में देखना ये होगा कि माफिया के बेटों का नया ठिकाना कहां बनता है.अतीक अहमद की बहन शाहीन ने अपने भाई के दो बेटों की सुपुर्दगी हासिल करने के लिए प्रयागराज के जनपद न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 10 अक्टूबर को अगली सुनवाई की तारीख लगी हुई है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस केस के लिए केसी जार्ज कमेटी बनाकर माफिया के बेटों से मुलाकात कर उनका हाल और इच्छा जानने के लिए प्रयागराज भेजा गया था. इसके बाद इस कमेटी की तरफ से कोर्ट में जानकारी दी गयी है कि माफिया के दोनों बेटे आगे पढ़ना चाहते हैं और अब वो बाल संरक्षण गृह से बाहर भी निकलना चाहते हैं.इसी रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 10 अक्टूबर की तारीख तय की थी. कोर्ट की तरफ से 10 अक्टूबर को इस मामले में अगली सुनवाई होनी है.बाल कल्याण समिति के आदेश से हो सकती है सुपुर्दगी सात महीने से बाल संरक्षण गृह में रह रहे अतीक अहमद के चौथे नंबर के बेटे अहजम की उम्र 5 अक्टूबर को 18 साल हो चुकी है.18 साल की उम्र होने के बाद उसे बाल संरक्षण गृह से हटाया जाना पहले से तय था.इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में दी गयी रिपोर्ट से यह भी खुलासा हो गया कि दोनों बच्चे भी वहां से जाना चाहते हैं और आगे की अपनी पढ़ाई पूरी रखना चाहते हैं. इसके बाद बाल कल्याण समिति ने भी बालिग बेटे के साथ नाबालिग बेटे को उनके पारिवारिक सदस्य के सुपुर्दगी करने का फैसला कर लिया है. इसके तहत सोमवार को बाहुबली माफिया के दोनों बेटों को बाल संरक्षण गृह से उनको किसी अपने के सुपुर्द किया जा सकता है.