प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद के चकिया स्थित कार्यालय पर मंगलवार को पुलिस ने जो बड़ी कार्रवाई की है, उसके पहले इस पर दो बार बुलडोजर चल चुका है. लेकिन, इस कार्यालय की एक अलग ही शान ओ शौकत हुआ करती थी. कार्यालय के बगल से गुजरने वाली गाड़ियां के लोग भी हार्न बजाने की हिम्मत नहीं कर पाते थे. शहर ही नहीं अन्य जिलों में भी इस कार्यालय की चर्चा होती थी. इसी कार्यालय से अतीक बड़े बड़े फैसले करता था.
जेल में बंद बाहुबली अतीक अहमद का यह कार्यालय कभी उसकी पहचान हुआ करता था. उस समय अतीक की तूती बोलती थी. ऐसा कहा जाता है कि पिछली सरकारों में अतीक की इतनी चलती थी कि प्रशासन की हिम्मत नहीं पड़ती थी कि कार्यालय पर कार्रवाई हो सके. लेकिन, 2007 में जब मायावती सरकार आई तो गेस्ट हाउस कांड को लेकर पहली इस कार्यालय पर पहली कार्रवाई हुई. अतीक अहमद के इस आलीशान कार्यालय पर बुलडोजर चला. लेकिन, तब कुछ ही हिस्सा टूट पाया था. 2020 में भाजपा सरकार ने अतीक अहमद पर बड़ी कार्रवाई करते हुए इस पर पूर्ण रूप से बुलडोजर चला दिया.
इसके बाद से ही अतीक के दुर्दिन शुरू हो गए. प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने इसके ज्यदातर हिस्से को अवैध मानते हुए उसे कुछ ही घंटों में जमींदोज कर दिया. भारी पुलिस बल की मौजूदगी में करोड़ों के कार्यालय के तीन हिस्सों को अवैध बताते हुए तीन तरफ से जेसीबी लगाकर पांच घंटे में तोड़ दिया गया. कार्रवाई के बाद कार्यालय का जो खंडहरनुमा थोड़ा सा हिस्सा बचा था उसे प्रशासन ने सील कर दिया. मंगलवार को इस खंडहर में इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है और रुपए और नौ पिस्टल पुलिस ने बरामद की है.