मदुरै : मद्रास उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को एक जानेमाने यूट्यूबर ए. शंकर उर्फ ‘सवक्कु’ शंकर को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया और छह महीने जेल की सजा सुनाई. अदालत ने शंकर के विरुद्ध स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला चलाया था. न्यायमूर्ति जी. आर. स्वामीनाथन और न्यायमूर्ति बी. पुगलेंधी की पीठ ने शंकर से पूछा था कि उन्हें न्यायपालिका पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा उसे “अपमानित” करने का दोषी क्यों न ठहराया जाए.
मद्रास हाईकोर्ट ने यू ट्यूबर सुवाक्कू शंकर को सजा सुनाई - ए शंकर मदुरै हाईकोर्ट
मद्रास उच्च न्यायालय ने जानेमाने यूट्यूबर ए. शंकर को अवमानना का दोषी ठहराया है. उन्हें छह महीने जेल की सजा सुनाई गई है. शंकर ने बयान दिया था कि पूरी न्यायपालिका में भ्रष्टाचार है जिसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था.
अदालत ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान आरोपी ने अपने कृत्य पर कोई दुख व्यक्त नहीं किया था और उस तरह के बयान देना स्वीकार किया था जिनके चलते उसे आरोपित किया गया. पीठ ने कहा कि इस पर भी गौर किया जाना चाहिए कि अवमाननाकर्ता ने सभी आरोपित बयान देने की बात स्वीकार की है. यह निष्कर्ष निकालने के लिए किसी फोरेंसिक जांच की भी जरूरत नहीं है कि ये पूर्व दृष्टया निंदनीय हैं और इन्होंने न्यायपालिका संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाई है.
शंकर ने बयान दिया था कि पूरी न्यायपालिका में भ्रष्टाचार है जिसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. पीठ ने कहा, 'अवमाननाकर्ता के पास भ्रष्टाचार घटनाओं का उल्लेख करने का अधिकार है, लेकिन इनके समर्थन में साक्ष्य भी होने चाहिए. कुछ घटनाओं के लिए पूरे संस्थान को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इसका अर्थ लक्ष्मण रेखा को लांघने जैसा होगा.'