चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा राज्य के पांच जिलाधिकारियों को जारी किए गए समन की तामील पर रोक लगा दी. ईडी ने राज्य में कथित तौर पर अवैध रेत खनन को लेकर धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत जांच के सिलसिले में इन अधिकारियों को समन जारी किए थे.
न्यायमूर्ति एस. एस. सुंदर और न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की पीठ ने राज्य के सार्वजनिक विभाग के सचिव के. नंदकुमार द्वारा दायर याचिका पर यह अंतरिम रोक लगाई. हालांकि, पीठ ने कहा कि ईडी राज्य में कथित तौर पर रेत खनन के सिलसिले में अपनी जांच को जारी रख सकती है. सार्वजनिक विभाग के सचिव ने अरियालुर, वेल्लोर, तंजावुर, करूर और तिरुचिरापल्ली के जिलाधिकारियों के ओर से याचिका दायर की.
याचिका में ईडी द्वारा जारी किए गए समन को रद्द करने का अनुरोध किया गया था. समन में जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों में रेत खनन से संबंधित विवरण के साथ विभिन्न तिथियों पर व्यक्तिगत रूप से ईडी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था. पीठ ने ईडी द्वारा दायर आपत्ति याचिका पर राज्य सरकार और पांच जिलाधिकारियों को अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 21 दिसंबर तय की है. बता दें कि 27 नवंबर को पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे और ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एआरएल सुंदरेसन की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था.
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