दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

मद्रास हाईकोर्ट ने ऑनलाइन गेम पर पाबंदी लगाने से इनकार किया - ऑनलाइन गेम पर पाबंदी लगाने से इनकार

मद्रास हाईकोर्ट ने ऑनलाइन गेम पर पाबंदी लगाने से इनकार किया कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बच्चे और युवा इन दिनों अपने फोन और लैपटॉप के आदी हो गए हैं. उनकी दुनिया इन उपकरणों के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती है, लेकिन अदालतें फिलहाल ऐसा कोई प्रतिबंध आदेश पारित नहीं कर सकतीं.

मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट

By

Published : Jul 1, 2021, 9:41 PM IST

Updated : Jul 1, 2021, 9:57 PM IST

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court ) ने स्कूली बच्चों को कथित तौर पर बिगाड़ रहे सभी ऑनलाइन और ऑफलाइन वीडियो गेम (on- line and off-line video games) पर रोक लगाने के लिए संबद्ध प्राधिकारों को निर्देश देने से गुरुवार इनकार कर दिया.

पीठ ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि बच्चे और युवा इन दिनों अपने फोन और लैपटॉप के आदी हो गए हैं और उनकी दुनिया इन उपकरणों के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती है लेकिन अदालतें फिलहाल ऐसा कोई प्रतिबंध आदेश पारित नहीं कर सकतीं.

मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी (Chief Justice Sanjib Banerjee ) और न्यायमूर्ति सेंथिल कुमार राममूर्ति (Justice Senthilkumar Ramamoorthy ) की पीठ ने अधिवक्ता ई मार्टिन जयकुमार (advocate E Martin Jayakumar) की एक जनहित याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि यह नीतिगत मामला है जिसपर राज्य या केंद्र में सरकारों को गौर करना होगा.

पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि जब कोई अवैध कार्रवाई होती है या कुछ ऐसा जो बड़े सार्वजनिक हित के लिए नुकसानदेह होता है, तो संवैधानिक अदालतें हस्तक्षेप करती हैं. हालांकि, मौजूदा किस्म के मामलों में, विशेष रूप से जब निर्वाचित सरकारें होती हैं, तो नीति के ऐसे मामलों को अदालत द्वारा फरमान जारी करने के बजाय लोगों का प्रतिनिधित्व करने वालों और जनादेश रखने वालों के विवेक पर छोड़ दिया जाना चाहिए. कार्यपालिका के कार्य करने में नाकाम रहने पर ही अदालत को मामले को समाज के लिए खतरा मानते हुए कदम उठाना चाहिए.

यह भी पढ़ें-मद्रास HC ने अन्नाद्रमक सरकार के पूर्व मंत्री को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया

पीठ ने याचिकाकर्ता को चार सप्ताह के भीतर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के माध्यम से केंद्र को और याचिकाकर्ता द्वारा सबसे उपयुक्त समझे जाने वाले विभाग के माध्यम से राज्य सरकार को आवेदन भेजने का निर्देश दिया. पीठ ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को मामले पर उचित विचार करना चाहिए और उसके बाद आठ सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को अपना रुख बताना चाहिए.

(पीटीआई भाषा)

Last Updated : Jul 1, 2021, 9:57 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details