चेन्नई:तमिलनाडु सरकार के ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध के खिलाफ मुंबई स्थित ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की ओर से दायर मामलों की सुनवाई मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय विजयकुमार गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति औडिकेसवालु के सत्र में हुई. मद्रास उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि ऑनलाइन रमी और पोकर निषेध अधिनियम असंवैधानिक है. ई-गेमिंग फेडरेशन (ईजीएफ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुराग सक्सेना ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.
सितंबर 2023 में सुनवाई के अंत में मामले को स्थगित कर दिया गया था. इस मामले में 9 नवंबर को फैसला सुनाया गया. इससे पहले इस मामले में तमिलनाडु सरकार की ओर से कहा गया था कि ऑनलाइन कंपनियों के विज्ञापनों से आकर्षित होकर कई युवाओं ने लोन लेकर यह गेम खेला और हार गए. अब तक 30 से ज्यादा लोग पैसे न चुका पाने की वजह से आत्महत्या कर चुके हैं.
टीएन सरकार ने कहा था कि, 'राज्य सरकार लोगों के अधिकारों को कब प्रभावित करती है? सुरक्षात्मक उपाय करना जरूरी है. केंद्र सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. इसलिए, टीएन सरकार का ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून किसी भी तरह से अवैध नहीं होगा.'
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के संघ के अनुसार, कौशल-आधारित गेम जुआ नहीं है. दांव लगाकर खेला गया कौशल का खेल, जुआ नहीं माना जा सकता. ऑनलाइन गेम के लिए, कानून कहता है कि एक नियामक संस्था बनाई जाएगी. उन्होंने सुनवाई में कहा, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के संघ में नियमित रूप से सख्त नियमों का पालन किया जाता है.
संघ ने कहा कि राज्य सरकार केवल ऑनलाइन गेम को नियंत्रित कर सकती है, उन पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती. एक ही गतिविधि को ऑनलाइन करना अवैध नहीं माना जा सकता और इसे व्यक्तिगत रूप से करना कानूनी है. महज अनुमान के आधार पर राज्य सरकार ने यह कानून पारित कर दिया है. जो कंपनियां ऑनलाइन खेलने के लिए एक मंच स्थापित करती हैं, वे इसके लिए शुल्क लेती हैं. उस शुल्क के लिए जी.एस.टी. चूंकि टैक्स भी वसूला जाता है इसलिए इसे जुआ नहीं कहा जा सकता.' उन्होंने ये भी कहा, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां जुए में शामिल नहीं होती हैं.
कुल रकम में से ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को फीस के तौर पर सिर्फ 16 फीसदी ही मिलता है. यह कानून असंवैधानिक है क्योंकि यह ऑनलाइन कंपनियों के व्यापार करने के अधिकार को प्रभावित करता है. सरकार यह नहीं कह सकती कि जब तमिलनाडु सरकार अधिनियम में आयु प्रतिबंध और समय प्रतिबंध हैं तो ऑनलाइन गेम को विनियमित नहीं किया जा सकता है. ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने और उल्लंघनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाया जा सकता है.