भोपाल।65 लाख की मुस्लिम आबादी वाले प्रदेश में इस बार सिर्फ दो ही मुस्लिम विधायक विधानसभा में जनता के आशीर्वाद से एंट्री कर सकेंगे. जी, हां प्रदेश की सियासत में हाशिए पर इस समुदाय के प्रतिनिधित्व तो मिला, लेकिन वो भी कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे, भोपाल मध्य से आरिफ मसूद और भोपाल उत्तर से आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील जीत हासिल करने में कामयाब हुए हैं.
पिता की बचाई विरासत, जीत का अंतर भी बड़ा: हम पहले बात कर लेते हैं, भोपाल की उत्तर विधानसभा सीट की. यहां से दिग्गज कांग्रेस नेता आरिफ अकील ने 27 हजार वोटों से शहर के पूर्व महापौर आलोक शर्मा को हरा दिया. उत्तर भोपाल विधानसभा कांग्रेस का मजबूत गढ़ है. आप इशका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं, पूर्व महापौर भी इस सीट पर कमल खिला सकने में कामयाब नहीं हो सके.
इस सीट पर नजर डालें, तो साल 1977 में उत्तर भोपाल विधानसभा क्षेत्र घोषित हुआ. इस सीट पर सिर्फ बीजेपी साल 1993 में ही जीत सकी. इसके बाद इस सीट पर आरिफ अकील अंगद की तरह ही जम गए. इस बार उन्होंने ज्यादा उम्र का हवाला देकर चुनाव नहीं लड़ा, और अपने बेटे को टिकट दिलाया.
भोपाल मध्य से मुस्लिम विधायक आरिफ मसूद जीते: इधर, भोपाल जिले की भोपाल मध्य सीट से भी कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद जीतने में सफल हुए. उन्होंने ध्रुव नारायण सिंह को 15891 वोटों से हराया. 2008 में अस्तित्व में आई इस सीट पर आरिफ की लगातार ये दूसरी जीत है. हालांकि, 2008 और 2013 में यहां पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी.