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उत्तरकाशी हादसे में 'फरिश्ता' बने MP के संतोष सोलंकी, गाड़ी के कांच तोड़कर ​खिड़की से बाहर निकाले लोग, खुद हुए चोटिल

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार (11 जुलाई) सुबह गंगोत्री हाईवे पर मलबा आने से चार यात्रियों की मौत हो गई. मौत का ये आंकड़ा और बढ़ सकता था, अगर संतोष सोलंकी हिम्मत नहीं दिखाते. संतोष सोलंकी भी यात्री ही थे, लेकिन उन्होंने अंधेरे में पहाड़ से गिरते बोल्डर और मलबे के बीच कई यात्रियों को बचाया.

Santosh Solanki Saved many Lives
उत्तरकाशी में मलबा

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Published : Jul 11, 2023, 6:55 PM IST

Updated : Jul 11, 2023, 7:56 PM IST

संतोष सोलंकी ने बचाई कई लोगों की जान

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): बारिश की दुश्वारियों से जूझ रहे पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड से मंगलवार (11 जुलाई) सुबह एक दुखद खबर आई. सोमवार देत रात गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी पुल के पास तीन यात्री वाहन मलबे की चपेट में आ गए. हादसे में चार यात्रियों की जान चली गई, जबकि करीब 27 लोगों का रेस्क्यू किया गया है. इस हादसे में एक यात्री परिवार 'फरिश्ता' बनकर उभरा. हादसे के वक्त संतोष सोलंकी ने अपने परिवार के साथ कई जिंदगियां बचाई. संतोष उस टेंपो ट्रैवलर में यात्री थे जो हादसे का शिकार हुआ. देर रात सड़क पर भारी मात्रा में मलबा आने के कारण दोनों ओर से हाईवे बंद था और इस कारण देर रात तक घटनास्थल पर कोई बचाव दल नहीं पहुंच पाया था, ऐसे में संतोष ने हिम्मत दिखाते हुए कई लोगों की जान बचाई.

गंगोत्री हाईवे पर मलबा आने से यात्रियों की गाड़ी क्षतिग्रस्त

दरअसल, मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी 37 वर्षीय संतोष सोलंकी अपने पत्नी कीर्ति (28 वर्ष) और दो बच्चों के साथ उस वाहन में सवार थे, जो गंगनानी में मलबे और बोल्डर की चपेट में आया. संतोष बताते हैं कि परिवार सहित 21 यात्रियों के साथ वो एक टेंपो ट्रैवलर वाहन में सवार थे. सोमवार शाम को वो गंगोत्री धाम के दर्शन कर उत्तरकाशी के लिए रवाना हुए. जब वो गंगोत्री से दर्शन करके आ रहे थे तो गंगनानी पुल से पहले एक झरने में पानी का बहाव तेज था.

संतोष ने वाहन के कांच तोड़कर यात्रियों को बाहर निकालाःइस बीच कुछ बाइक सवार कांवड़िए उनके वाहन के आगे आ गए. चालक ने बहाव ज्यादा होने पर कांवड़ियों को सुरक्षित पहले जाने देने के लिए वाहन रोका. इसी बीच उनकी गाड़ी पर कुछ पत्थर गिरे. यह देखने के लिए संतोष तीन अन्य यात्रियों के साथ नीचे उतरे. जैसे ही वो गाड़ी से उतरे, तभी झरने से भारी मात्रा में पानी, मलबा और बोल्डरों की बरसात हो गई. उस वक्त संतोष ने हिम्मत दिखाते हुए वाहन के कांच तोड़कर ​खिड़की से अपने परिवार के साथ एक-एक कर कई यात्रियों को बाहर निकाला, जिसमें वो चोटिल भी हो गए.

संतोष सोलंकी बोले- पता नहीं कहां से मिली इतनी ताकत:संतोष बताते हैं कि उस समय पता नहीं उन्हें कहां से इतनी ताकत मिली कि वो अन्य यात्रियों को बचा सके. हालांकि, बोल्डर की चपेट में आने से वाहन सवार एक महिला और ड्राइवर की मौत हो गई. जिन्हें बचाया नहीं जा सका.

वाहन के उड़े परखच्चे

कीर्ति सोलंकी ने बताई आपबीती, आंखों के सामने बोल्डर ने महिला को कुचलाःवहीं, जिला अस्पताल उत्तरकाशी में भर्ती संतोष की पत्नी कीर्ति सोलंकी (28 वर्षीय) ने भी आंखों देखी बताई. उन्होंने बताया कि हादसा इतना भयावह था कि मात्र 30 सेकेंड में उनका वाहन बोल्डर और मलबे से क्षतिग्रस्त हो गया.
ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी में मलबे की चपेट में आए तीन वाहन, MP के चार लोगों की मौत

आंखों के सामने दो यात्रियों की हुई मौतःकीर्ति ने बताया कि उन्हें नीचे उतरते देख एक महिला यात्री पुष्पा चौहान ने जैसे ही गाड़ी का दरवाजा खोला, वो बड़े बोल्डर की चपेट में आ गईं. जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. बोल्डर की चपेट में आने से वाहन चालक रवि बघेल ने भी दम तोड़ दिया.

गंगनानी हादसे में गई चार यात्रियों की जान

हादसे के बाद घबराए यात्री, बरसात में यात्रा पर रोक लगाने की उठाई मांगःकीर्ति का कहना है कि उनके वाहन के आगे बाइक सवार कांवड़िए नहीं आए होते तो उनका वाहन भी सकुशल निकल गया होता. हादसे से डरी कीर्ति ने शासन-प्रशासन से सावन के महीने में यात्रा पर रोक लगाने की मांग की है ताकि, इस तरह के हादसे फिर कभी न हों.

Last Updated : Jul 11, 2023, 7:56 PM IST

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