गांधीनगर : दिग्गज कांग्रेस नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री माधवसिंह सोलंकी का शनिवार को निधन हो गया. माधव सिंह सोलंकी चार बार मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया. उनके ृनेतृत्व में गुजरात विधानसभा की 183 में से 149 विधानसभा सीटें जीतने का रिकॉर्ड भी है. माधव सिंह भारत के विदेश मंत्री भी रहे हैं
1976 में पहली बार बने मुख्यमंंत्री
माधव सिंह गुजरात के सातवें मुख्यमंत्री थे वह अधिक से अधिक सीटें जीतकर सत्ता में आए थे. उनका जन्म 30 जुलाई, 1928 को भरूच के जंबुसर तालुका के पिलुदरा गांव में हुआ था. माधवसिंह 1975 में गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए और 24 दिसंबर, 1976 को मुख्यमंत्री बने. इसके तुरंत बाद 10 अप्रैल, 1977 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया. वह 7 जून 1980 को फिर से मुख्यमंत्री बने और अपना पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा किया.
इस्तीफा देने के बाद रिकॉर्ड सीटें जीतीं
1981 में माधव सिंह सोलंकी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने बक्सी आयोग की सिफारिश पर सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण का प्रस्ताव रखा. इसके विरोध में राज्यव्यापी आरक्षण विरोधी आंदोलन हुआ, जो दंगों में बदल गया, इसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए. सोलंकी ने 1985 में इस्तीफा दे दिया लेकिन कुल 182 विधानसभा सीटों में से 149 पर जीतकर सत्ता में आए. आज तक यह रिकॉर्ड नहीं टूटा है. उन्हें क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम वोटों का समर्थन मिला था, जिन्हें केएचएएम सिद्धांत के रूप में जाना जाता है.
विदेश मंत्री भी रहे माधव सिंह
माधव सिंह भारत के विदेश मंत्री भी रहे हैं. 10 दिसंबर, 1989 को अमरसिंह चौधरी ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद माधवसिंह सोलंकी फिर से मुख्यमंत्री बने. फरवरी 1990 में गुजरात विधानसभा के आम चुनावों में कांग्रेस को 182 में से केवल 33 सीटें मिलीं, जिसके बाद मार्च 1990 में माधव सिंह ने इस्तीफा दे दिया.
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