हैदराबाद: पुलिस अधिकारियों का मानना है कि हैदराबाद में नरसंहार करने के लिए पाकिस्तान में एक योजना बनाई गई थी. इसके लिए ग्रेनेड को पाकिस्तान से गुपचुप तरीके से कश्मीर पहुंचाया गया और फिर हैदराबाद ले जाया गया. मुसारामबाग के अब्दुल जाहिद ने स्थानीय युवाओं के साथ बैठक कर उन्हें आर्थिक सहयोग देकर आतंकवाद की ओर आकर्षित किया.
पुलिस के अनुसार वह सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को भड़का रहा था. जाहिद को पाकिस्तान से स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि वह शहर में हाल की घटनाओं को अवसर के रूप में सांप्रदायिक झड़पों को भड़काने के लिए इस्तेमाल करे. इसके एक हिस्से के रूप में बम विस्फोटों की योजना बनाई गई थी. इसके लिए दशहरा उत्सव समारोह को लक्ष्य के रूप में चुना गया था.
हाल ही में कश्मीर में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकियों ने नीले ग्रेनेड से हमला किया था. पुलिस ने पाया कि वे चीन में बने थे. जाहिद की टीम के पास मिले हथगोले नीले रंग के होने के कारण उनके भी चीन में बने होने की आशंका जताई जा रही थी. हथगोले दो महीने पहले पाकिस्तान से कश्मीर पहुंचे थे. यह विश्वसनीय जानकारी है कि जाहिद ने शहर के उपनगरीय इलाके में हाल में एक मिनीवैन में आए हथगोले का एक बॉक्स कब्जे में लिया था. पहला ग्रेनेड हमला 2006 में आरटीसी चौराहे पर ओडियन थिएटर में हुआ था. उस समय एनएसआईसी की जांच में पाया गया कि यह भी चीन में बना है.
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ग्रेनेड मिलने के बाद आरोपी एक महीने से पाकिस्तान से अगले आदेश का इंतजार कर रहा है. केंद्रीय खुफिया एजेंसियां शहर की पुलिस को इस संबंध में सतर्क कर रही हैं. पूर्व अपराधियों और संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखने वाली एसआईटी, सीसीएस, एसबी और टास्क फोर्स की टीमों को आतंकी हमलों की सूचना मिलने के बाद अलर्ट कर दिया गया. नगर पुलिस आयुक्त सीवी आनंद की देखरेख में बेहद गोपनीय तरीके से ऑपरेशन मुसारामबाग को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया.