चंडीगढ़:पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को पंजाब के डीजीपी वी. के. भवरा को एक एडीजीपी-रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में एक एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) की स्थापना करने का निर्देश दिया. सीएम मान ने राज्य भर में सक्रिय गैंगस्टर के नेटवर्क का सफाया करने के लिए यह फैसला लिया है, ताकि नागरिकों में सुरक्षा की भावना पैदा की जा सके.
एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए, मान ने संगठित अपराध के उन्मूलन की आवश्यकता पर जोर दिया. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पुलिस तंत्र में लोगों के विश्वास को बहाल करने के लिए कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. पंजाब में हाल के दिनों में कबड्डी मैचों के दौरान प्रसिद्ध खिलाड़ियों की हत्या, राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच रंजिश के चलते हत्या की घटनाएं और गैंगवार के कई मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही पंजाब में नशीले पदार्थों का व्यापार भी लंबे समय से चलन में रहा है. इस नापाक गठजोड़ को तोड़ने के लिए पुलिस बल को पर्याप्त धन के अलावा सभी आवश्यक जनशक्ति, नवीनतम उपकरण और सूचना प्रौद्योगिकी का आश्वासन दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि एजीटीएफ के पास देश में इसी तरह की विशेष इकाइयों की तर्ज पर खुफिया जानकारी का संग्रह, संचालन और एफआईआर के पंजीकरण, जांच और अभियोजन का एकीकृत संग्रह होगा. पुलिस आयुक्तों और एसएसपी को संगठित अपराधों के खिलाफ समन्वित प्रयास करने का निर्देश देते हुए मान ने कहा कि संगठित अपराध पर राज्यव्यापी अधिकार क्षेत्र वाले नए पुलिस थानों को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा, ताकि गैंगस्टरों द्वारा लोगों के मन में फैलाए गए आतंक और डर को दूर किया जा सके.
मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि जेलों में बंद गैंगस्टरों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है और इस संबंध में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. संगरूर जिले में अपराध दर में भारी कमी लाने के लिए अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए, मान ने कहा कि एक सांसद के रूप में उन्होंने अपने एमपी-लैड फंड से जिले के प्रमुख शहरों में स्थानीय पुलिस स्टेशनों से जुड़े वाई-फाई सीसीटीवी कैमरे लगाने की पहल की है.