लखनऊ :कहते हैं पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती. वर्ष 2022 में केरल की भागीरथी अम्मा 105 साल की उम्र में 74.5 फीसद अंक हासिल कर चौथी कक्षा पास करने वाली सबसे उम्रदराज़ महिला बन गई थीं. ऐसा ही कुछ लखनऊ विश्वविद्यालय में देखने को मिल रहा है. एमए ज्योतिर्विज्ञान की पढ़ाई कर रहे पांच ऐसे छात्र जिनके हौसलों के चलते उम्र महज एक संख्या मात्र साबित हो रही है. इन छात्रों को ज्योतिष विज्ञान के बारे में जानने की ललक यहां खींच लाई है और वह रेगुलर स्टूडेंटस के रूप में अध्ययन कर रहे हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय से ज्योतिष की पढ़ाई करने वाले पांच में से चार छात्र रिटायरमेंट श्रेणी के हैं. इनमें एक छात्रा गृहणी हैं. जीवन के तकरीबन 60 बसंत पार कर चुकीं सुनीता भल्ला इस सत्र में ज्योतिर्विज्ञान विभाग से ज्योतिष में एमए कर रही हैं. सुनीता बताती हैं कि मां की मौत के चलते कम उम्र में ही उनकी शादी कर दी गई थी. उस समय उन्हें ज्योतिष में इंटरेस्ट था तब वक बुक्स पढ़ती थीं. चार साल पूर्व उनके कजिन ने ज्योर्ति विज्ञान की पढ़ाई की थी. उनसे बात करने के बाद एडमिशन लेने का फैसला लिया. सुनीता के दो बच्चे हैं और वह अब बड़े हो गए हैं तो पढ़ाई में उन्हें कोई दिक्कत नहीं आती है.
वर्ष 2010 में आर्मी से रिटायर कर्नल एचएन कौशल (68) को बचपन से ही ज्योतिष में इंटरेस्ट था. कर्नल कौशल रिटायरमेंट के बाद बापू भवन में सैनिक कल्याण के निदेशक भी रहे. इसके बाद उन्नाव में पॉलीक्लिनिक के प्रमुख के तौर पर अपनी सेवाएं दीं. कर्नल कौशल बताते हैं कि जब आगरा में उनकी पोस्टिंग थी तो एक संस्था के जरिए वह शनिवार को ज्योतिष के बारे में जानने के लिए जाते थे. इसके बाद वही इच्छा, आज उन्हें यहां तक ले आई. कर्नल कौशल के तीन बच्चे हैं, जिनमें दो बच्चे विदेश और एक बच्चा यहां है.