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शिव अराधना का नया कॉन्सेप्ट लेकर आई लखनऊ की मंडली, अध्यात्म को लेकर बदल रहा युवाओं का नजरिया

धर्म-अध्यात्म, कला-संस्कृति की नगरी लखनऊ में इनदिनों श्रावण मास के रंग हावी हैं. छोटी काशी कही जाने वाली वीरवर लक्ष्मण के इस प्राचीन नगर में हर श्रद्धालु भोले बाबा की स्तुतियों में डूबा है. खासकर युवा अपनी अध्यात्म-चिंतन की राह में नए-नए प्रयोग के जरिए साधना में लीन हैं. आईए जानते हैं युवाओं की ऐसी ही कुछ मंडलियों को बारे में जो मंदिरों और घरों को आध्यात्मिक रंग से सराबोर कर रहे हैं.

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Published : Aug 11, 2023, 4:47 PM IST

Updated : Aug 11, 2023, 5:11 PM IST

एक धार्मिक आयोजन में डमरू शो करते ग्रुप के सदस्य

लखनऊ:उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुछ युवाओं का ग्रुप है, जो अध्यात्म को एक नई पहचान देने में जुटा हुआ है. इन युवाओं ने अध्यात्म के साथ ही उसमें अपने व्यवसाय को किस तरह से शामिल किया जाए, इसका एक बढ़िया मैकेनिज्म तैयार किया है. लखनऊ में युवाओं के दो ग्रुप ऐसे हैं जो लोगों के घरों में या मंदिर में या फिर किसी ऐसी जगह पर जाकर लाइव परफॉर्मेंस देते हैं जिसमें वह "ओम नमः शिवाय" का जाप करते हैं. यह जाप 1 घंटे से लेकर 24 घंटे तक लगातार करते हैं. इसके अलावा एक ग्रुप और है जो डमरू के माध्यम से शिव स्त्रोत व शिव स्तुति करते हैं. दोनों ग्रुप अध्यात्म को लेकर युवाओं के नजरियों को बदल रहे हैं और उसे रोजगार से भी जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

भोले शंकर की स्तुति और डमरू भर रहा आध्यात्मिक रंगःबुद्धेश्वर धाम ट्रस्ट से जुड़े सत्यम शुक्ला ने बताया कि आज से करीब 8 साल पहले वह बुद्धेश्वर धाम में रोज सुबह पूजा करने के साथ ही डमरू बजाते थे. धीरे-धीरे आसपास के युवा उनसे डमरू बजाना सीखने के लिए आने लगे. ऐसा करते-करते उनके इस प्रयास को देखते हुए बुद्धेश्वर धाम ट्रस्ट ने उन्हें सावन के अवसर पर अपने सहयोग के साथ डमरू वादन करने के लिए प्रोत्साहित किया.

युवाओं की मंडली की कुछ खास बातें

सावन में और शिवरात्रि पर होता है डमरू बैंड शोःसत्यम शुक्ला ने बताया कि हर सावन महीने में और शिवरात्रि के अवसर पर बुद्धेश्वर धाम मंदिर में डमरू बैंड का शो करते थे. धीरे-धीरे यह शो ऑनलाइन माध्यम से प्रदेश के दूसरे राज्यों तक पहुंच गया. आज हमारे इस बैंड ग्रुप में 12 से 20 साल तक के युवा जुड़े हुए हैं. जो भगवान शिव के प्रिय डमरू का रियाज करते हैं और मिलने वाले शो में जाकर परफॉर्म करते हैं.

केवल अध्यात्म जुड़ाव के लिए युवा इसमें हो रहे हैं शामिलःसत्यम शुक्ला ने बताया कि हमारा डमरू बैंड पिछले ही महीने मथुरा में एक धार्मिक शो में शामिल होकर आया है. सावन के बाद हम मुंबई में एक बड़े आध्यात्मिक शो में अपने बैंड का प्रदर्शन करेंगे. हमारे बैंड में जितने भी युवा शामिल है वह सिर्फ अध्यात्म से खुद को जोड़कर रखना चाहते हैं. इसलिए हम किसी भी आयोजन समिति से केवल अपने आने जाने व खाने-पीने का ही पैसा लेते हैं. बाकी शो के नाम पर उनसे कोई भी अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाता है.

डमरू शो के लिए नहीं लेते कोई चार्जःउन्होंने बताया कि हम केवल धार्मिक यात्रा, शोभा यात्रा, सत्संग या किसी मंदिर या मेल धार्मिक मेले में होने वाले आयोजनों में ही शामिल होते हैं. डमरू बैंड में जितने भी युवा हैं उन सबको प्रशिक्षण देने के लिए जो भी खर्च आता है, वह बैंड के सभी सहयोगी आपस में मिलकर ही खर्च करते हैं. डमरू तैयार कराने से लेकर उनके टी-शर्ट व ट्रेनिंग के समय जो भी चीजों की जरूरत होती है, वह सब कुछ बैंड के सदस्यों के द्वारा खुद ही मुहैया कराई जाती है.

हर उम्र के लोग भजन ग्रुप में हो रहे शामिल: बुद्धेश्वर धाम के महंत मनोहर पुरी जी महाराज के यहां युवाओं का एक ऐसा ग्रुप भी है. जो "ओम नमः शिवाय" मंत्र का जाप बहुत ही आध्यात्मिक तरीके से करता है. इस ग्रुप के शिक्षक गुरु सत्यम ने बताया कि हमारे ग्रुप में विशेष तौर पर पहले बुजुर्ग लोग शामिल थे पर धीरे-धीरे अब युवा भी इसमें शामिल होते जा रहे.

युवाओं का विशेष तौर पर ओम नमः शिवाय के जप के लिए काफी प्रसिद्ध हुआ है. जो पूजा आयोजन की अवधि के अनुसार लगातार ओम नमः शिवाय का जाप करते हैं अगर किसी के घर में पूजा 5 घंटे की, 11 घंटे की या पूरी 24 घंटे की हो रही हो तो इस दौरान यह ग्रुप लगातार बिना रुके ओम नमः शिवाय का जाप करता है. गुरु सत्यम ने बताया कि अभी यह युवा बिना किसी आर्थिक लाभ के केवल अध्यात्म में रुचि लेकर इससे जुड़ रहे हैं. बीते कुछ समय में प्रदेश के काफी हिस्सों से इन्हें ओम नमः शिवाय के जाप के लिए लगातार निमंत्रण मिलता आ रहा है.

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Last Updated : Aug 11, 2023, 5:11 PM IST

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