लखनऊ: एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने 16 साल पहले विस्फोटक आरडीएक्स, डेटोनेटर व फैक्ट्री मेड विदेशी पिस्टल के साथ गिरफ्तार हरकत उल जेहाद अल इस्लामी (हूजी) के आतंकी वलीउल्लाह को दो आरोपों में आजीवन कारावास और दस-दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत ने अपने 28 पेज के निर्णय में कहा है कि आतंकी वलीउल्लाह सीरियल बम ब्लास्ट कर निर्दोषों की हत्या करने के अपराध में मृत्युदंड की सजा से दंडित है, जिससे यह स्पष्ट है कि यह दोषसिद्ध अभियुक्त दया का पात्र कदापि नहीं है. ऐसी स्थिति में आरोपी को अधिकतम सजा से दंडित किया जाना उचित होगा.
अदालत में तर्क प्रस्तुत करते हुए अपर जिला शासकीय अधिवक्ता एमके सिंह ने बताया कि अभियुक्त एक बहुत ही खतरनाक आतंकी है, जिसके बांग्लादेशी आतंकियों एवं हरकत उल जिहाद अल इस्लामी जो जैश-ए-मोहम्मद की शाखा है, से भी सम्बंध हैं. सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि वाराणसी शहर के विश्व प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर धमाके, दशाश्वमेध घाट एवं वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन में सीरियल बम विस्फोट में 18 लोग मारे गए थे तथा 76 लोग घायल हुए थे. इस मामले में वलीउल्लाह को 6 जून 2022 को गाजियाबाद के जिला जज जितेंद्र कुमार सिन्हा ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है.