नई दिल्ली : गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ऐसे उम्मीदवारों पर फोकस कर रही है, जो पार्टी के प्रति लॉयल हैं. पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इस पर गंभीरता से विचार किया गया है. बैठक की अध्यक्षता मल्लिकार्जुन खड़गे ने की है. उम्मीदवारों की पहली सूची आज ही जारी हो सकती है.
राज्य इकाई द्वारा सौंपी गई सूची पर वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला के नेतृत्व वाली स्क्रीनिंग कमेटी पहले ही विचार कर चुकी है. कमेटी ने संभावित उम्मीदवारों की एक सूची तैयार की है. 26 अक्टूबर को भी सीईसी की बैठक हुई थी, जिसमें खड़गे के अलावा सोनिया गांधी भी मौजूद थीं.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि पिछले पांच सालों में पार्टी के कई विधायकों ने पाला बदल लिया. लिहाजा, इस पर विश्वसनीयता बहुत बड़ा फैक्टर होगा. पार्टी के करीब 14 विधायकों ने पिछले पांच सालों में नाता तोड़ लिया. 77 में से मात्र 63 विधायक कांग्रेस के पास रह गए.
राज्य इकाई के वरिष्ठ नेता दीपक बाबरिया ने कहा कि उनकी राय में टिकट उसी को दिया जाना चाहिए, जो पार्टी के प्रति समर्पित और विश्वसनीय हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीदवारों की जाति और जीतने की क्षमता भी फैक्टर है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. बाबरिया ने कहा कि हमारे उन्हीं विधायकों ने पार्टी छोड़ी, जो या तो प्रलोभन में आ गए या फिर भाजपा और सरकार की एजेंसी के दबाव में थे.
उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसा पहले भी करती रही है. उन्होंने मध्य प्रदेश, गोवा और अन्य राज्यों में भी ऐसा ही किया है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रलोभन दिए जाने की वजह से बहुत सारे व्यक्तियों का विश्वास डोल जाता है, लेकिन अंत में सिर्फ आपका बुद्धि, विवेक और अंतरात्मा ही काम देती है.
कांग्रेस पिछले 27 सालों से गुजरात में सत्ता से दूर है. लेकिन यह भी एक हकीकत है कि पार्टी आप के मैदान में आ जाने से दबाव में है. पार्टी को इसका आभास है कि वैसे नेता, जिन्हें टिकट नहीं मिलेगा, वे या तो भाजपा या फिर आप की ओर जा सकते हैं. साथ ही उन्हें इस बात का इल्म है कि आप और भाजपा कई जगहों पर डमी कैंडिडेट भी उतारेंगे, जिसकी वजह से कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'टिकट पर फैसला लेने से पहले इन सारे फैक्टरों पर गंभीरता से विचार किया गया है.' उन्होंने आगे कहा, 'यही वजह है कि हमने दावों के बावजूद पहली लिस्ट जारी नहीं की. बल्कि, हमने तो कह रखा है कि जिन्हें कांग्रेस का सिद्धान्त मंजूर नहीं है, वे चाहें तो पार्टी छोड़ सकते हैं.'