नई दिल्ली : वैज्ञानिकों ने पाया है कि Vitamin D की कमी होने से कोविड-19 के संक्रमण से उबरने में ज्यादा समय लगने का खतरा बढ़ जाता है. अनुसंधान के नतीजों से पता चलता है कि कोविड संक्रमण के बाद मरीज को अपने विटामिन डी के स्तर की जांच करानी चाहिए. प्रमुख शोधकर्ता और इटली के मिलान स्थित वीटा सैल्यूट सैन रफाएल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एंड्रिया गिउस्टिना ने कहा, अध्ययन से पता चलता है कि कम विटामिन डी स्तर वाले कोविड-19 रोगियों में लंबे समय तक संक्रमण रहने (Long Covid) की आशंका होती है, लेकिन यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि Vitamin D की खुराक लक्षणों में सुधार कर सकती है या इस जोखिम को पूरी तरह से कम कर सकती है.
लॉन्ग कोविड एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोविड-19 का प्रभाव प्रारंभिक संक्रमण के संपर्क में आने के बाद 12 सप्ताह से अधिक समय तक बना रहता है. अध्ययनों से पता चला है कि यह कोविड-19 के लिए पहले अस्पताल में भर्ती 50-70 प्रतिशत रोगियों को प्रभावित करता है, फिर भी स्थिति के बारे में बहुत कम जानकारी है. द जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबोलिज्म में प्रकाशित और एबोजेन फार्मा स्पा द्वारा समर्थित इस अध्ययन के लिए वीटा सैल्यूट सैन रफाएल यूनिवर्सिटी और आईआरसीसीएस सैन रफाएल हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने 51-70 वर्ष की आयु के 100 रोगियों की जांच की, जिनमें कुल Long Covid से पीड़ित थे तो कुछ कम समय में ही संक्रमण मुक्त हो गए थे.
जब उन्हें पहली बार कोविड-19 के लिए अस्पताल में भर्ती होने और अस्पताल से छुट्टी मिलने के छह महीने बाद दोनों तरह के मरीजों के Vitamin D के स्तर को मापा गया. यह परिणाम उन रोगियों में अधिक स्पष्ट था, जिन्होंने छह महीने के फॉलो-अप में भ्रम, भूलने की बीमारी और खराब एकाग्रता जैसे Brain Fog के लक्षणों का अनुभव किया. शोधकर्ताओं ने उन लोगों को अनुसंधान में शामिल किया था जिन्हें हड्डी से जुड़ी कोई बीमारी नहीं थी और वे सिर्फ कोविड-19 संक्रमण के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे, लेकिन कभी आईसीयू में नहीं गए. गिउस्टिना ने कहा, हमारे अध्ययन की अत्यधिक नियंत्रित प्रकृति हमें लॉन्ग कोविड में Vitamin D की कमी की भूमिका को बेहतर ढंग से समझने में मदद करती है और यह स्थापित करती है कि विटामिन डी की कमी और लॉन्ग कोविड के बीच संबंध होने की संभावना है.