लखनऊ : 'कजरा मोहब्बत वाला, अंखियों में ऐसा डाला, कजरे ने ले ली मेरी जान'... बॉलीवुड का यह गाना काजल लगाने के शौकीनों में जोश भर देता है. दादी-नानी हमेशा से छोटे बच्चों को काजल लगाने के लिए बोलती हैं. यही नहीं आंखों में बड़ा-बड़ा मोटा काजल लगाने की सलाह देती रहीं हैं. इसके पीछे मान्यता है कि काजल लगाने से आंखें बड़ी और स्वस्थ होती हैं. यह भ्रान्ति हमेशा से चली आ रही है. इस पर नेत्र रोग विशेषज्ञों की अलग ही राय है. नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि यह महज एक भ्रान्ति है. बेशक काजल लगाने से चेहरा सुंदर दिखाई देता है, लेकिन आंखें बड़ी और स्वस्थ होने की मान्यता विज्ञान की दृष्टि से कतई उचित नहीं हैं.
बलरामपुर अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव गुप्ता ने कहा कि कई बार आपने देखा होगा कि काजल लगाने के बाद कभी-कभी आपकी आंखों में बहुत जलन महसूस होती है, या आपकी आंखें बहुत शुष्क महसूस होती हैं. आंखों की ये परेशानी सूजन या संक्रमण पैदा कर सकती है. हमारी निचली पलकों में लगभग 30-35 ऑयल ग्लैंड होते हैं जो आंखों में आंसू को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए तेल का उत्पादन करते हैं. आंखों के हाइड्रेशन के लिए आंसू बहुत जरूरी हैं. यह बहुत सारे पर्यावरणीय नुकसान को रोकने में मदद करते हैं और आंखों पर एक सुरक्षात्मक परत बनाते हैं, जिससे आंखों की सुरक्षा होती है. काजल ऑयल ग्लैंड को ब्लॉक करता है और आंखों की कई समस्याएं पैदा करता है. रोजाना काजल का इस्तेमाल आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है.
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