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प्रशासन का मिला 'आदेश' : रिक्शे पर 'सवार' होकर कोर्ट पहुंच गए भगवान भोलेनाथ

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक अजीबो-गरीब मामला देखने को मिला. यहां की एक तहसील कोर्ट के आदेश पर खुद भगवान शिव को 'पेश' होना पड़ गया. भगवान शिव रिक्शे पर सवार होकर तहसील न्यायालय पहुंचे. पिछले दिनों तहसील न्यायालय ने अवैध कब्जा के नाम पर 10 लोगों को नोटिस दिया था, जिसमें शिव भगवान भी शामिल है. कोर्ट ने उन्हें फिर से पेश होने को कहा है.

भगवान शिव की हुई पेशी
भगवान शिव की हुई पेशी

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Published : Mar 25, 2022, 7:45 PM IST

Updated : Mar 25, 2022, 8:02 PM IST

रायगढ़ : छत्तीसगढ़ के एक कोर्ट में आज भगवान शिव की पेशी (Lord Shiva appears in court in Chhattisgarh) हुई. यह सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन सच यही है कि अवैध कब्जे को लेकर भगवान शिव कोर्ट में हाजिर हुए. दरअसल, तहसील कोर्ट ने पिछले दिनों 10 लोगों को नोटिस थमाया था. इन 10 लोगों में शिव मंदिर कहुआकुंडा वार्ड क्रमांक 25 रायगढ़ के नाम से भी नोटिस भेजा गया था. यह मंदिर सार्वजनिक है. यहां कोई भी पंडित या किसी सामान्य व्यक्ति का दखल नहीं है. फिर भी उस मंदिर के नाम से नोटिस दिया गया है.

आज पेशी में जिन नौ और लोगों को नोटिस दिया गया था, वह सब भगवान शिव को रिक्शे में रखकर तहसील न्यायालय (Lord Shiva appears in raigarh Tehsil Court) पहुंचे. लेकिन तहसीलदार निजी उद्योग की जनसुनवाई में व्यस्त थे, जिसकी वजह से भगवान शिव को पेशी के लिए अगली तारीख दी गई है. तहसील के अधिकारियों ने पेशी में पहुंचे लोगों के सामने ही कार्य की व्यस्तता का हवाला दिया और अगली सुनवाई का नोटिस चस्पा कर दिया. नायब तहसीलदार विक्रांत राठौर पेशी में भगवान को लेकर पहुंचे लोगों को देखते ही ग्रामीण क्षेत्र में जरूरी काम का हवाला देकर तहसील कार्यालय से चले गए. अब सुनवाई की अगली तारीख 13 अप्रैल 2022 तय की गई.

इस अदालत में भगवान को होना पड़ा हाजिर

ये है पूरा मामला:जमीन और तालाब के कब्जे को लेकर रायगढ़ तहसील कार्यालय के नायब तहसीलदार ने 10 लोगों को नोटिस जारी किया है. वार्ड क्रमांक 25 की ही निवासी सुधा रजवाड़े ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें शिव मंदिर समेत 16 लोगों पर सरकारी भूमि पर कब्जा करने का आरोप है. हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्य सरकार और तहसीलदार कार्यालय को इसकी जांच करने का आदेश दिया था. तहसील कार्यालय के अधिकारी ने एक जांच टीम बनाकर तीन दिनों तक जांच की.

प्रशासन का मिला 'आदेश'

जांच में 10 लोगों के खिलाफ जमीन और तालाब पर कब्जे का आरोप है. अतिक्रमणकारियों में शिव मंदिर का नाम (Shiva temple among encroachers) भी है, जबकि यह शिव मंदिर सार्वजनिक स्थल है. नोटिस में मंदिर के ट्रस्टी, प्रबंधक या पुजारी को संबोधित नहीं किया गया है, बल्कि सीधे शिव भगवान को ही नोटिस जारी किया गया है. नायब तहसीलदार रायगढ़ ने 25 मार्च यानी आज अदालत में सुनवाई की तिथि निर्धारित की है. नोटिस में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि यह काम छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत अनाधिकृत है. इसके लिए आपको 10 हजार रुपये का जुर्माना तक अर्थदंड से दंडित कर कब्जारत भूमि से बेदखल किया जा सकता है.

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Last Updated : Mar 25, 2022, 8:02 PM IST

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