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भगवान राम, माता कौशल्या और गाय होंगे छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का मुख्य मुद्दा ! - Ram Mata Kaushalya cow issue of CG politics

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में करीब 1 साल से ज्यादा का समय है. लेकिन छत्तीसगढ़ की सियासत में चुनावी माहौल घुलता नजर आ रहा है. भगवान राम, माता कौशल्या और गाय को लेकर भाजपा कांग्रेस के बीच सियासी जंग भी छिड़ी हुई है. हालांकि राजनीतिक जानकारों की राय में छत्तीसगढ़ में अब तक राम, कौशल्या और गाय यानि आस्था का विषय प्रमुख चुनावी मुद्दा नहीं रहा है. लेकिन छत्तीसगढ़ में भगवा ब्रिगेड को भूपेश बघेल सरकार से कड़ी टक्कर जरूर मिल रही है. Lord Ram Mata Kaushalya and cow election issue

chhattisgarh assembly election main issue
भगवान राम माता कौशल्या और गाय चुनावी मुद्दा

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Published : Sep 14, 2022, 10:23 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ दौरे पर आए संघ प्रमुख मोहन भागवत 13 सितंबर को चंदखुरी स्थित कौशल्या माता मंदिर पहुंचे. उन्होंने वीआईपी मंदिर में भगवान राम के भी दर्शन किए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भागवत के मंदिर दर्शन पर खुशी जताई तो बीजेपी ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप मढ़ दिया. बीजेपी का कहना है कि आस्था के विषय को राजनीति से ऊपर रखना चाहिए. बहरहाल छत्तीसगढ़ की सियासत में इन दिनों भगवान राम, कौशल्या और गाय छाए हुए हैं. Ram Mata Kaushalya cow issue of CG politics

भगवान राम माता कौशल्या और गाय चुनावी मुद्दा

बघेल सरकार ने पिछले साढ़े तीन सालों में गाय, भगवान राम और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को केंद्रित कर कई योजनाएं लागू की हैं. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि ''हमारी सरकार भगवान राम के लिए राम वन गमन पथ पर काम कर रही है. माता कौशल्या मंदिर पर काम कर रही है. गौ संवर्धन के लिए सरकार काम कर रही है. विकास हमारी सरकार का प्रमुख एजेंडा है. किसान आदिवासी महिला युवाओं सभी के विकास के लिए राज्य सरकार काम कर रही है. हमारी सरकार ने भाजपा को छत्तीसगढ़ में कोई स्थान दिया ही नहीं है. छत्तीसगढ़ में भाजपा मुद्दा विहीन है.''

गाय को चारा खिलाते भूपेश बघेल

संघ का एजेंडा सिर्फ दिखावा: कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने यह भी कहा कि ''मोहन भागवत का छत्तीसगढ़ प्रवास हुआ. संघ खुद को गैर राजनीतिक दल और सांस्कृतिक संगठन कहता है. छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल कहा जाता है. जब मोहन भागवत और पूरा आरएसएस छत्तीसगढ़ आया तो माता कौशल्या के मंदिर को देखने की लालसा उनमें क्यों नहीं आई? आप गायों के संरक्षण की बात करते हैं. छत्तीसगढ़ में एक ऐसी सरकार है, जहां गौ संवर्धन के लिए योजना चल रही है. जिसकी धूम आज पूरे देश में है. आज जहां भाजपा की सरकार है, वे अपने यहां इसे लागू करने पर विचार कर रहे हैं. आज संघ के लोग गोठान देखने नहीं गए. इससे साफ होता है कि संघ का सारा एजेंडे दिखावा मात्र है.''

माता कौशल्या मंदिर में मोहन भागवत

छत्तीसगढ़ के 12 जातीय समूह अनुसूचित जनजाति में शामिल

राम, गाय और भारतीय संस्कृति का अपमान: भाजपा मीडिया विभाग के प्रमुख अमित चिमनानी ने कहा कि ''आज यह सरकार गौ माता की बात करती है, लेकिन गाय गौठानों में कम और सड़कों पर ज्यादा दिख रही है. सड़क हादसों में गायों की मौत हो रही है. आपके द्वारा गोधन न्याय योजना शुरू की गई, लेकिन उसमें भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है. पहले गंगा जल के नाम पर झूठ बोला और अब गोधन न्याय योजना के नाम पर धोखा दे रहे हैं. गोबर खरीदी में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ चुके हैं. कांग्रेस के द्वारा आज से नहीं बल्कि पिछले 7 दशकों से राम, गाय और भारतीय संस्कृति का अपमान किया जा रहा है.''

कांग्रेस को दूर दृष्टि का मिल सकता है फायदा: राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार बाबूलाल शर्मा का कहना है कि ''छत्तीसगढ़ में अब तक राम कौशल्या और गाय प्रमुख चुनावी मुद्दा नहीं रहा. यह सारे मुद्दे भविष्य में आने वाले हैं. इसे कहीं न कहीं कांग्रेस ने पहले ही भांप लिया था. यही वजह है कि सत्ता पर काबिज होते ही कांग्रेस ने राम, कौशल्या और गाय को लेकर काम किया. उन्होंने अब भगवान राम के मानने वालों को उनकी माता कौशल्या के दर्शन के लिए कहा. यह जरूर है कि अब तक छत्तीसगढ़ में राम या धर्म की राजनीति का प्रभाव विधानसभा चुनाव में देखने को नहीं मिला है.''

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छत्तीसगढ़ मॉडल से आरएसएस प्रभावित: बाबूलाल शर्मा ने बताया कि ''जनता को पता है कि राम के लिए किसने काम किया, किसने कौशल्या मंदिर बनाया, कौन सी सरकार गाय की सुरक्षा के लिए काम कर रही है. आज संघ भी कांग्रेस सरकार की योजनाओं की तारीफ कर रहा है. जब प्रदेश में गौठान का निर्माण किया जा रहा था, तब संघ के लोगों ने मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें इसके लिए बधाई दी थी. संघ इन कामों को स्वीकारते हुए पूरे देश में लागू करने पर विचार कर रहा है. ऐसे में कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ मॉडल को पूरे देश में लागू करने आरएसएस ने ठान ली है.''

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