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Jagannath Rath Yatra 2023 : जानिए भगवान जगन्नाथ का रथ देर शाम कहां तक पहुंचा, भगदड़ में 14 लोग घायल

भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के लिए भक्तों की भीड़ पुरी में उमड़ी. देर शाम भगवान जगन्नाथ यह त्योहार हर साल जून या जुलाई के महीने में भगवान कृष्ण की पूजा करने के लिए मनाया जाता है. यह कई दिनों तक चलता है. वहीं रथ यात्रा को खींचने का काम शुरू हो गया है. साथ ही मारीचकोट चौक के पास भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ को खींचते समय मामूली भगदड़ में 14 लोग घायल हुए हैं.

Lord Jagannath Rath Yatra 2023
पुरी में रथ यात्रा की तैयारी पूरी

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Published : Jun 20, 2023, 7:59 AM IST

Updated : Jun 20, 2023, 9:30 PM IST

भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा से पहले पुरी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ में कई लोग घायल हो गए

पुरी/अहमदाबाद :ओडिशा की तटीय तीर्थनगरी पुरी स्थित 12वीं सदी के विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर से जय जगन्नाथ और हरिबोल के उद्घोषों के साथ मंगलवार सुबह रथयात्रा प्रारंभ हुई. बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों को खींचकर 2.5 किलोमीटर दूर स्थित उनके वैकल्पिक निवास स्थान गुंडिचा मंदिर की ओर लेकर चले. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के लगभग 45 फुट ऊंचे लकड़ी के तीन रथों को हजारों पुरुष खींच रहे थे, जबकि लाखों लोग उसे स्पर्श करने, प्रार्थना करने या विशाल रथयात्रा को देखने के लिए उमड़ पड़े. वहीं देर शाम तालध्वज रथ गुंडिचा मंदिर पहुंचा. जबकि देवी सुभद्रा का देबदलन रथ बड़ासंखा में और भगवान जगन्नाथ का रथ नंदीघोष बालगंडी के पास रुका. ये सभी रथों को बुधवार सुबह 9 बजे फिर से खींचने का काम शुरू होगा.

वहीं ओडिशा सरकार ने इस महोत्सव के लिए व्यापक व्यवस्थाएं और सुरक्षा इंतजाम किए हैं. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक रंजन कुमार दास ने कहा कि मंगलवार को पुरी में लगभग 10 लाख लोगों के जुटने की उम्मीद है, जब भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथों को श्री गुंडिचा मंदिर तक खींचने का काम शुरू हो गया है. बता दें कि तीन रथों को श्री गुंडिचा मंदिर में देवताओं को ले जाने के लिए मंदिर के 'सिंहद्वार' के सामने खड़ा किया जाता है. देवता एक सप्ताह के लिए गुंडिचा मंदिर में रहते हैं. वहीं पुरी के मारीचकोट चौक के पास भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ को खींचते समय मामूली भगदड़ में 14 लोग घायल हुए हैं. इसमें एक की हालत गंभीर बताई गई है. पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया है, अब स्थिति सामान्य है.

इससे पहले जिला प्रशासन ने बताया कि जगन्नाथ पुरी में रथ यात्रा की तैयारी पूरी हो गई है. रथ यात्रा ओडिशा के पुरी में आयोजित होने वाला एक महत्वपूर्ण वार्षिक उत्सव है. यह एक वार्षिक रथ उत्सव है जो भगवान कृष्ण के एक रूप को भगवान जगन्नाथ को समर्पित है. ओडिशा सरकार ने शहर को विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित किया है और लगभग 180 प्लाटून सुरक्षा के लिए तैनात किये गये हैं. तटरक्षक बल भी समुद्र तटों पर भी गश्त कर रहे हैं.

जगन्नाथ रथ यात्राः आज भी पारंपरिक तरीके से तैयार किए जाते हैं तीनों रथ

रथ यात्रा से जुड़ी रस्म पहांड़ी बीजे आज सुबह 9:30 बजे शुरू हुई. इस अनुष्ठान में मंदिर से विशाल मूर्तियों को ले जाया जाएगा और परिचारकों उन्हें रथों पर स्थापित करेंगे. रथों को पहांड़ी बीजे नामक जुलूस के लिए निकाला जाएगा. इसके बाद शाम करीब चार बजे श्रद्धालु रथ खींचेंगे. शाम को रथों को श्री गुंडिचा मंदिर लौट जाना होता है. अगले दिन, सभी देवताओं को गुंडिचा मंदिर के अंदर ले जाया जाएगा, जहां वे 28 जून तक रहेंगे. उसके बाद वापसी की रथ यात्रा होगी.

भगवान जगन्नाथ के रथ का वजन 280 टन से 300 टन है और यह 45.6 फीट ऊंचा है. गुंडिचा मंदिर तक 2.5 किमी की वार्षिक रथ यात्रा के लिए 200 से 300 टन वजन वाले तीन रथ तैयार हैं. नंदीघोष, भगवान जगन्नाथ के रथ का वजन लगभग 280 टन से 300 टन तक होता है. भगवान बलभद्र (तालद्वाज) और दर्पदलन के अन्य दो रथों का वजन क्रमशः 250 टन और 200 टन है. तीनों रथ लगभग 45 फीट ऊंचे हैं और इनमें 12 से 14 पहिए हैं. 58 दिनों तक इन रथों के निर्माण में कुल 250 श्रमिक लगे थे. तीनों रथों को बनाने में करीब 10,800 क्यूबिक फीट लकड़ी का इस्तेमाल किया गया था.

इस पवित्र त्योहार को नवदीना यात्रा, दशावतार यात्रा और गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है. पारंपरिक ओडिया कैलेंडर के अनुसार, यह शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है और हिंदुओं के बीच विशेष रूप से राज्य में भक्तों के बीच इसका विशेष महत्व है. पुरी रथ यात्रा के दौरान देश भर से बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों से भक्तों यहां पहुंचते हैं. इस त्योहार के दौरान भगवान जगन्नाथ के अलावा, भक्त उनके भाई-बहनों और भगवान बलराम और सुभद्रा की भी पूजा करते हैं.

जगन्नाथ के दैतापति सेवकों के रूप में तीन नन्हें बच्चों को तैनात किया गया

अमित शाह ने 'रथ यात्रा' से पहले अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर में 'मंगला आरती' में लिया हिस्सा :केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जो गुजरात के एक दिवसीय दौरे पर हैं, ने रथ यात्रा से पहले अहमदाबाद के जमालपुर क्षेत्र में जगन्नाथ मंदिर में 'मंगला आरती' (पूजा का हिस्सा) में भाग लिया. गुजरात के अहमदाबाद में मनाए जाने वाले 'रथ यात्रा' महोत्सव को पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी रथ यात्रा माना जाता है. बाद में दिन में, गृह मंत्री कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे, जिसमें दो पार्कों का उद्घाटन, एक रेलवे फ्लाईओवर और एक अस्पताल का 'भूमिपूजन' शामिल है.

अहमदाबाद में अमित शाह ने की मंगला आरती

अहमदाबाद के न्यू राणिप में, गृह मंत्री अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) द्वारा सुबह करीब 9.15 बजे एक नवनिर्मित पार्क का उद्घाटन करेंगे. गृह मंत्री अहमदाबाद के चांदलोडिया क्षेत्र में एएमसी और रेलवे द्वारा नवनिर्मित जगतपुर रेलवे फ्लाईओवर का भी उद्घाटन करेंगे. शाह बाद में अहमदाबाद में क्रेडाई गार्डन क्षेत्र में एक सार्वजनिक पार्क का उद्घाटन करेंगे. गृह मंत्री बाद में अहमदाबाद के बावला इलाके में त्रिमूर्ति अस्पताल के 'भूमि पूजन' कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.

(इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Jun 20, 2023, 9:30 PM IST

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