दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड: 73 साल से भी ज्यादा की हो चुकी है प्रैक्टिस, 98 साल की उम्र में वकालत कर रहे मेनन - 98 साल की उम्र में भी कर रहे वकालत

केरल के अनुभवी सिविल वकील पी.बी. मेनन के नाम तिहत्तर साल, 60 दिनों की प्रैक्टिस का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड है, बावजूद इसके वह रिटायर होने के बारे में नहीं सोच रहे. मेनन का कहना है कि 'जितना हो सकेगा, काम करूंगा.' advocate p balasubramanian menon, longest serving lawyer, guinness world record advocate

lawyer Menon (courtesy social media))
अनुभवी वकील पी.बी. मेनन (सौजन्य सोशल मीडिया))

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 16, 2023, 9:26 PM IST

नई दिल्ली:एडवोकेट पी बालासुब्रमण्यम मेनन 98 साल की उम्र में भी रिटायर होने की नहीं सोच रहे हैं. एक अधिवक्ता के रूप में तिहत्तर साल और 60 दिनों की प्रैक्टिस गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड है. केरल के पलक्कड़ के अनुभवी सिविल वकील पी.बी. मेनन ने जिब्राल्टर सरकार के वकील लुईस ट्राय के 70 साल और 311 दिन के गिनीज रिकॉर्ड को तोड़कर वह विश्व रिकॉर्ड भारत में ला दिया है. लुईस का इसी साल फरवरी में 94 साल की उम्र में निधन हो गया. मेनन 98 वर्ष के हैं और अभी भी उत्साह के साथ अदालतों में उपस्थित होते हैं.

मेनन का कहना है कि 'मैं जितना हो सके उतना काम करूंगा. मैं 98 साल का हूं. मैं रिटायरमेंट के बारे में सोच भी नहीं रहा हूं. अब भी, मैं काम करता हूं और अपनी आजीविका कमाता हूं.'

मेनन के बारे में एक बात बहुत खास है कि कानून उनके लिए कोई व्यवसाय नहीं है, बल्कि एक समर्पित पेशा है. मेनन के लिए, छोटा या महत्वहीन जैसा कोई मामला नहीं है. वह सभी मामलों को अत्यंत गंभीरता से लेते हैं.

पहली पसंद नहीं थी कानून की पढ़ाई :मेनन ने अपना कानूनी करियर 1950 में शुरू किया और 1952 से नागरिक कानून में विशेषज्ञता हासिल की. हालांकि, जैसा कि उनकी पीढ़ी के कई वकीलों के साथ हुआ था, कानून उनकी पहली पसंद नहीं थी. अपने भाई-बहनों के साथ इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद उनके माता-पिता ने उनके लिए कानून में करियर बनाने की कल्पना की, इस सपने को उन्होंने लॉ कॉलेज में दाखिला लेकर कर्तव्यनिष्ठा से पूरा किया.

उन्होंने शुरुआत में मद्रास उच्च न्यायालय में महाधिवक्ता के कनिष्ठ के रूप में दो साल बिताए. फिर वह अपने माता-पिता के कहने पर पलक्कड़ में शिफ्ट हो गए. कानून में रुचि न होने के बावजूद, उन्होंने मुख्य रूप से आपराधिक अदालतों में भाग लिया. जहां तक नागरिक कानून की रूचि की बात है तो एक बार, फोर्ट कोच्चि में एक मामले के दौरान न्यायाधीश उनके तर्क से प्रभावित हुए. उन्होंने मेनन को नागरिक कानून में विशेषज्ञता के लिए प्रेरित किया.

ये भी पढ़ें

ABOUT THE AUTHOR

...view details