नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर सभापति द्वारा निलंबित कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी आज विशेषाधिकार समिति के समक्ष पेश हो सकते हैं. उन्होंने अपने बचाव में कहा कि वो कानून का सहारा लेंगे. अधीर रंजन ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा, "मुझे फांसी की सजा दी गई और अब मुझ पर मुकदमा चलाया जाएगा. मैंने ऐसा कुछ भी अपशब्द नहीं कहा है जो असंसदीय हो. हिंदी शब्द 'नीरव' का इस्तेमाल आमतौर पर लोग रोजमर्रा की बातचीत में करते हैं, जिसका मतलब "मौन" होता है. वे इस मुद्दे का तिल का ताड़ बनाने की कोशिश कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "मैं स्पीकर के फैसले पर टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि वह सदन के संरक्षक हैं, लेकिन हमारे सामने सुप्रीम कोर्ट जाने का कानूनी विकल्प खुला है." अधीर रंजन अपने पार्टी के अन्य सांसद मनीष तिवारी की टिप्पणी को दोहरा रहे थे, जिन्होंने कहा था कि कांग्रेस के लोकसभा सदस्य का निलंबन शीर्ष अदालत में कानूनी विकल्प के लिए उपयुक्त मामला है.
कांग्रेस के निलंबित सांसद ने कहा कि अगर उन्हें पद छोड़ने के लिए बुलाया गया तो वह विशेषाधिकार समिति के सामने पेश होंगे. उन्होंने कहा, "हम बतौर पार्टी नियमों का पालन करते हैं. मैं नियमों का भी पालन करूंगा. अगर वे मुझे बुलाएंगे तो मैं निश्चित रूप से समिति के सामने पेश होऊंगा." उन्होंने आगे कहा कि एक मंत्री केवल बदले की भावना से सदन में कथित टिप्पणी पर मुझसे माफी की मांग कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "मुझे माफी क्यों मांगनी चाहिए? जब मैं सदन में बोल रहा था तो किसी ने मुझसे नहीं कहा कि मुझे माफी मांगनी है. यदि मुझे अपना भाषण पूरा करने की अनुमति दी जाती तो मैं अपनी टिप्पणी स्पष्ट कर देता. मंत्री केवल बदले की भावना से मुझसे माफी मांग रहे हैं...मुझे माफी क्यों मांगनी चाहिए."