तिरुवनंतपुरम : के टी जलील मामले में एडवोकेट जनरल ने राज्य सरकार को सलाह दी है कि वह सीधे मंत्री केटी जलील के खिलाफ लोकायुक्त के फैसले का विरोध कर सकती है. उन्होंने सरकार को सूचित किया कि सरकार को यह समझने का अवसर नहीं मिला कि वह लोकायुक्त मामले में अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है. लोकायुक्त की प्रक्रियाओं में खामियां हैं. इसे सिविल कोर्ट के समान प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि भले ही जलील की सिफारिश पर सरकार ने विवादास्पद नियुक्ति के लिए पात्रता मानदंडों को बदलने का फैसला किया. लेकिन नियमों के बदलाव का निर्णय सरकार का था. उन्होंने कहा कि लोकायुक्त ने सरकार के फैसले पर विचार किए बिना फैसला सुनाया.
इससे पहले केरल उच्च न्यायालय ने राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके के टी जलील की एक अर्जी पर आदेश मंगलवार को सुरक्षित रख लिया था.
राज्य सरकार के वकील ने भी जलील का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें लोकायुक्त के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर नहीं दिया गया. दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले पर आदेश को सुरक्षित रख लिया.
जलील ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि रिपोर्ट बिना किसी प्राथमिक जांच या नियमित जांच के तैयार की गई.