जयपुर : लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज संसदीय प्रणाली के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि सदन के अंदर चर्चा में आपसी सहमति-असहमति हो सकती है परंतु व्यवधान नहीं होना चाहिए. लोक सभा अध्यक्ष ने राजस्थान विधानसभा में बाल दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित 'बाल सत्र' को संबोधित किया.
इस अवसर पर बोलते हुए बिरला ने सत्र में शामिल प्रतिनिधियों से कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में बैठकर देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से किस प्रकार हमारा लोकतंत्र और अधिक सशक्त एवं मजबूत हो, तथा जनता की अपेक्षाओं, आकांक्षाओं को कैसे बेहतर तरीके से पूरा किया जाए तथा देश में लोकतंत्र को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस विषय पर व्यापक चर्चा-संवाद करने की आवशयकता है.
बिरला ने कहा कि जन प्रतिनिधियों के दायित्वों के विषय में बिरला ने कहा कि सदन के अंदर चर्चा में आपसी सहमति-असहमति हो सकती है परंतु व्यवधान नहीं होना चाहिए. कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी भाग लिया.
नए भारत के संदर्भ में बिरला ने कहा की भारत के नौजवान भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में अपनी प्रतिभा एवं बुद्धिमता के बल पर नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत का युवा देश को विकसित और समर्थ राष्ट्र बनाने में अपना बड़ा योगदान दे रहा है.