नई दिल्ली : लोक सभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पर विस्तृत चर्चा का जवाब दिया. कांग्रेस पर तीखा पलटवार करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने बजट 2022 को अंधकाल का बजट बताया है, उन्होंने संभवत: अपने कार्यकाल की गलत आर्थिक नीतियों को अंधकाल कहा है. वित्त मंत्री ने यूपीए सरकार के दोनों कार्यकाल का जिक्र किया और कहा, तत्कालीन सरकार की पॉलिसी पैरालिसिस के कारण भारत में कुछ समय तक आर्थिक संकट था और देश को फ्रैजाइल फाइव अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था. वित्त मंत्री ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर का नाम लिया और कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव (पीएलआई स्कीम) के माध्यम से मॉडर्न इंडिया बनाने की दिशा में लगातार पहल की जा रही है.
निर्मला सीतरमण ने बजट में भाषण देने वाले 80 सांसदों का धन्यवाद दिया. बजट पर सांसदों के भाषण के बाद उन्होंने अपने जवाब की शुरूआत शशि थरूर के सवालों से की . उन्होंने अमृतकाल को अंधकाल कहने के लिए विपक्ष के नेता की आलोचना की और कहा कि अभी अमृतकाल है, अंधकाल कांग्रेस के शासन में था.
अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज भारत में जनधन योजना के 44.58 करोड़ अकाउंट हैं, जिनमें 1.75 लाख करोड़ डिपोजिट हैं. जनधन अकाउंट धारकों में 56 फीसदी महिलाएं हैं. अभी भारत में 44 यूनिकार्न स्टार्टअप कंपनियां है. कोरोना काल का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान 20 करोड़ महिलाएं को 500 रुपये दिए गए. स्वनिधि योजना के तहत 29 लाख लोगों को लोन दिया गया. प्रधानमंत्री आवास योजना 3 करोड़ नए घर के निर्माण की मंजूरी दी गई है, जबकि 2 करोड़ बनाकर गरीबों को दिए गए. उन्होंने अपनी सरकार उपलब्धियों में ज्योति योजना, नल से जल योजना, 3.5 लाख एमएसएमई अकाउंट, 1.7 बिलियन लोगों को वैक्सिनेशन को गिनवाया. उन्होंने यूपीए-2 को स्कैम और करप्शन के लिए अंधकाल करार दिया.
उन्होंने बजट के आवंटन और महंगाई दर की तुलना 2008-09 के कांग्रेस के शासन से की. उन्होंने कहा कि 2008-09 के आर्थिक मंदी के दौरान कांग्रेस सरकार ने भारत की अर्थव्यवस्था को संभाल नहीं सकी थी, अब उनकी सरकार कोरोना के कारण आई इस सदी की सबसे बड़ी मंदी के दौर में भी हालात को बेहतर संभाला. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण ग्लोबल इकॉनोमिक क्राइसिस ने भारत को भी प्रभावित किया. इससे भारत का 9.5 लाख करोड़ का सीधा नुकसान हुआ. 2008-09 की आर्थिक मंदी में भारत की अर्थव्यवस्था का करीब 2.12 लाख करोड़ का नुकसान हुआ था. इसके बावजूद भारत में जीडीपी का करेंट अकाउंट सरप्लस 0.9 में है. 2008-09 में माइनस 2.3 पर्सेट चला गया था.
वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी के दौर में आरबीआई एस्टिमेट के अनुसार यह सामने आया था कि अगर आप एक रुपये रेवेन्यू खर्च करते हैं, उससे 45 पैसा फायदा मिलेगा. इसके विपरीत अगर आप एक रुपये को कैपिटल एक्सपेंडिचर असेट बनाने में खर्च करते हैं तो 2.45 पैसा बनेगा. उसके अगले साल 3.14 पैसा भी मिलेगा. इसलिए पैनडेमिक में पैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करने के लिए किए गए. इसका नतीजा यह हुआ कि दुनिया के सभी देशों के मुकाबले भारत में अर्थव्यवस्था की रिकवरी ज्यादा तेज गति से हुई.
वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी के दौर में आरबीआई एस्टिमेट के अनुसार यह सामने आया था कि अगर आप एक रुपये रेवेन्यू खर्च करते हैं, उससे 45 पैसा फायदा मिलेगा. इसके विपरीत अगर आप एक रुपये को कैपिटल एक्सपेंडिचर असेट बनाने में खर्च करते हैं तो 2.45 पैसा बनेगा. उसके अगले साल 3.14 पैसा भी मिलेगा. इसलिए पैनडेमिक में पैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करने के लिए किए गए. इसका नतीजा यह हुआ कि दुनिया के सभी देशों के मुकाबले भारत में अर्थव्यवस्था की रिकवरी ज्यादा तेज गति से हुई.
वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के राज में बजट के दौरान जिस मद में राशि आवंटित की जाती थी, खर्च उसका आधा किया जाता था. अभी जितनी राशि आवंटित किया जाती है, उतना खर्च किया जाता है.
बेरोजगारी पर विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि बजट में संभावित 60 लाख नई नौकरी के दावे पर कहा कि सभी क्षेत्रों में तरक्की हो रही है. बिना रोजगार के कोई विकास के काम नहीं होंगे. शहरी बेरोजगारी में पहले क्वॉर्टर में 9 प्रतिशत में गिरावट हुई है.उन्होंने मनरेगा में फंड की कमी के आरोपों को भी खारिज कर दिया.