नई दिल्ली:लोकसभा ने बुधवार को 'केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2022' को मंजूरी दे दी जिसमें राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान को गतिशक्ति विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने का प्रावधान है. निचले सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि सरकार द्वारा 21वीं सदी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह विधेयक लाया गया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्तमान और भविष्य के नजरिये से और दूरदर्शी सोच के आधार पर काम करते हैं और उनकी सोच का परिणाम गतिशक्ति मिशन है.
प्रधान ने कहा, 'आज हम भारत में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के साथ 5जी का सपना देख रहे हैं. देश जल्द ही प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर होगा.' मंत्री ने कहा, 'देश में 15 साल से 25 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की संख्या 25.5 करोड़ है. इनमें से 14 करोड़ बच्चे पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते हैं. देश के सभी बच्चों को शिक्षा देना है.' प्रधान ने कहा, 'वर्तमान भारत नया सपना देख रहा है और इसमें ऐसी शिक्षा की कल्पना की गई है जहां युवा सिर्फ रोजगार ही नहीं तलाशें, बल्कि रोजगार का सृजन भी करें.'
प्रधान ने कहा, 'यह गतिशक्ति विश्वविद्यालय पूरी तरह बहुआयामी होगा. इसमें न सिर्फ उच्च शिक्षा दी जाएगी, बल्कि क्षमता निर्माण पर जोर दिया जाएगा. यहां नये काम की जानकारी और कौशल विकास के बारे में जानकारी दी जाएगी.' शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद पहला अनुसंधान आधारित विश्वविद्यालय बन रहा है. मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने 'केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2022’ को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. इससे पहले कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने चर्चा के दौरान सदन से वॉकआउट किया था.