नई दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) ने अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) की अनुसूचित जनजातियों (ST) की सूची को रूपांतरित करने के लिए संशोधन विधेयक पेश किया. यह विधेयक राज्य सभा से पहले ही पारित हो चुका है. विधेयक को लोक सभा से पारित घोषित कर दिया गया. इसके बाद हंगामे के कारण लोक सभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई.
इस विधेयक में अरुणाचल प्रदेश के संबंध में अनुसूचित जनजातियों की सूची को संशोधित करने के प्रावधान किए गए हैं. संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2021 को मंजूरी से पहले बिल को चर्चा और पारित कराने के लिए लोक सभा में पेश करते हुए जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में कई ऐसी जनजातिया हैं जिन्हें नगा आदिवासी के तौर पर रिकॉर्ड में होने के कारण फायदा नहीं मिल पा रहा है. अब संशोधन करके इसका विस्तार किया जा रहा है. इस विधेयक के माध्यम से नगा जनजातियों को मदद मिलेगी.
पेगासस मामला एवं किसानों के मुद्दे पर विपक्ष की नारेबाजी के बीच केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि विपक्ष का हंगामा दिखाता है कि उसे जनजातीय मामलों और मुद्दों से कोई लेनादेना नहीं है.
लोक सभा से भी पारित हुआ संविधान आदेश (संशोधन) अनुसूचित जनजाति विधेयक, 2021 कांग्रेस सांसद का पक्ष
हंगामे के बीच विधेयक को पारित कराने का विरोध करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है और वे इस अवसर पर आदिवासी भाई और बहनों को बधाई देते हैं. उन्होंने कहा कि हमने इस विधेयक पर बहुत कुछ बोलने का मन बनाया था, लेकिन सरकार की अकर्मण्यता और जिद के कारण नहीं बोल पा रहे हैं.
इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि आदिवासी दिवस की आड़ लेकर चौधरी गलत बयान दे रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, बसपा के रितेश पांडे, द्रमुक के टीआर बालू, शिवसेना के विनायक राउत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने हंगामे के बीच विधेयक पारित कराने का विरोध किया और कहा कि सरकार को सदन में व्यवस्था बनाकर चर्चा करनी चाहिए.
अरुणाचल प्रदेश से लोकसभा सदस्य और कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक से अरुणाचल प्रदेश के आदिवासियों को नयी पहचान और नाम मिलेगा. उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं. लाखों आदिवासियों की ओर से इस सरकार को धन्यवाद करता हूं.' उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आदिवासी मामलों के मंत्री (अर्जुन मुंडा) के खिलाफ नारेबाजी मत करिये, यह उचित नहीं है.
क्या हैं विधेयक के प्रावधान
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी सदस्यों से चर्चा में भाग लेने और इस विधेयक को पारित कराने की अपील की. बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में वर्तमान में 18 समुदाय जनजातियों की सूची में शामिल हैं. राज्य सरकार की सिफारिश के आधार पर विधेयक में अरुणाचल प्रदेश के संबंध में अनुसूचित जनजातियों की सूची को संशोधित करने का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही इसमें मिश्मी कमान (मिजू मिश्मी), इदू (मिश्मी), तारोन (दिगरू मिश्मी) जनजातियों को सूची में मिश्मी, इदु और तारोन के स्थान पर शामिल किया गया है.
आज विश्व आदिवासी दिवस (International Day of the World's Indigenous People) के मौके पर अनुसूचित जनजातियों (ST) की सूची को रूपांतरित करने के लिए विधेयक पारित कराया गया. अंतरराष्ट्रीय जनजातीय दिवस के रूप में भी जाना जाने वाला यह दिन दुनिया के स्वदेशी लोगों के बारे में जागरूकता पैदा करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए मनाया जाता है. इस साल की थीम- 'किसी को पीछे न छोड़ना : स्वदेशी लोग और एक नए सामाजिक अनुबंध का आह्वान' है.
गौरतलब है कि केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की उन जनजातियों के विकास के लिए यह विधेयक लाया गया है जो मुख्यधारा से अब तक दूर रही हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार जनजातीय समुदायों के विकास के लिए दृढ़ संकल्प है और इसी राह में आगे बढ़ रही है.
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बता दें कि गत 5 अगस्त को राज्य सभा में संक्षिप्त चर्चा के बाद राज्य सभा ने ध्वनिमत से अनुसूचित जनजातियों की सूची को संशोधित करने के प्रावधान वाले संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021 (Constitution Order Scheduled Tribes Amendment Bill 2021) को मंजूरी दे दी गई थी.
(एजेंसी इनपुट)