नयी दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि अगर पार्टी 2024 में सत्ता में आती है तो वह दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों को शिक्षण संस्थानों में उत्पीड़न से बचाने के लिए 'रोहित वेमुला अधिनियम' लाएगी. छत्तीसगढ़ की प्रभारी महासचिव कुमारी शैलजा ने कहा कि हाशिए पर रहने वाले समुदायों के छात्रों को उच्च शिक्षा संस्थानों में अत्याचार का सामना करना पड़ता है. पार्टी ऐसे संस्थानों में एसटी, एसटी, अल्पसंख्यक छात्रों की सुरक्षा के लिए रोहित वेमुला अधिनियम लाने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि यह निर्णय फरवरी में छत्तीसगढ़ के रायपुर में पार्टी के पूर्ण सत्र में लिया गया था. पार्टी ने इस उद्देश्य के लिए सामाजिक न्याय के लिए एक राष्ट्रीय परिषद की भी स्थापना की है और 2024 में सत्ता में आने पर जाति जनगणना भी करेगी. रोहित वेमुला अधिनियम की बात करें तो हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक छात्र रोहित वेमुला ने 2016 में संस्थान में उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद आत्महत्या कर ली थी.
बाद में, राहुल गांधी ने वहां का दौरा किया और अन्य छात्रों के साथ विरोध किया. पिछले साल, रोहित की मां उनकी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल के साथ शामिल हुई थीं. दलित नेता कुमारी शैलजा के अनुसार, रोहित वेमुला की आत्महत्या एक दुखद मामला था. वह एक दलित पृष्ठभूमि से था और उसने न केवल अपने संस्थान में अत्याचार का सामना किया बल्कि इस प्रकरण में केंद्र सरकार की भूमिका भी अच्छी नहीं थी.
उन्होंने कहा कि हमारे छात्रों को अलग कर दिया जाता है और मानसिक रूप से परेशान किया जाता है. नतीजतन, वे जीवन में प्रगति नहीं कर सकते हैं. हम उन्हें इस तरह के उत्पीड़न से बचाने के लिए एक कानून लाएंगे. उन्हें भी समृद्ध होना चाहिए और राष्ट्रीय विकास में योगदान देना चाहिए. एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार में एससी और एसटी के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं.