नई दिल्ली : लोक सभा में आम बजट (budget session lok sabha) पर सामान्य चर्चा के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के लिए किए जाने वाले पैसों के आवंटन का मुद्दा उठाया. इसके बाद पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसद दिलीप घोष ने बजट 2022 को अमृत काल में विकासोन्मुखी बजट बताते हुए अपनी बातें रखीं.
इसके बाद तमिलनाडु की वेल्लोर लोक सभा सीट से निर्वाचित सांसद डीएम कथिर आनंद ने बजट 2022 में किए गए आवंटन को लेकर अपनी बातें रखीं. केरल के कोझीकोड से निर्वाचित कांग्रेस सांसद एमके राघवन ने बजट में स्वास्थ्य के लिए हुए आवंटन का जिक्र किया. उन्होंने कोरोना महामारी को लेकर सरकार को कठघरे में भी खड़ा किया.
तेजस्वी सूर्या
कर्नाटक से निर्वाचित भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने डायनेस्टी पॉलिटिक्स को लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखे हमले किए. उन्होंने राहुल गांधी को प्रिंस ऑफ कांग्रेस बताया और कहा कि उन्होंने जो टू इंडिया की बात की है, वैसा नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद और उसके पहले के काल के रूप में देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने उद्योग के मामले पर कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया है.
सुप्रिया सुले का बयान
तेजस्वी सूर्या के बयान पर पलटवार करते हुए एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि कई ऐसे उद्योगपति हुए हैं, जिन्होंने भाजपा की सरकार बनने के पहले भी देश में आर्थिक योगदान दिए हैं. ऐसे में भाजपा के युवा सांसद को उनके योगदान का तिरस्कार नहीं करना चाहिए.
बुधवार को लोक सभा में विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों ने वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट को 'कृषि विरोधी' बताते हुए इसमें गरीबों और दलितों के लिए कोई योजना नहीं होने का आरोप लगाया. अगले वित्त वर्ष के लिए केंद्रीय बजट पर लोक सभा में चर्चा में भाग लेते हुए द्रमुक के डी एम कथिर आनंद ने कहा कि इस बजट में कोई कल्याणकारी योजना नहीं है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिलीप घोष और हिना गावित ने कहा कि यह समावेशी बजट है जो अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और गति देने वाला है.
कांग्रेस के एमके आनंद राघवन ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार कॉर्पोरेट सरकार है, जबकि कांग्रेस हमेशा आम आदमी के साथ खड़ी रहेगी. उन्होंने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मारे गये किसानों के परिजनों के लिए बजट में किसी तरह के मुआवजे की घोषणा नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए बजट को 'कृषि विरोधी' बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस बजट में उत्तर भारत को काफी धन दिया गया है लेकिन दक्षिण को कुछ नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि मनरेगा जैसी अच्छी योजना में आवंटन कम किया गया है. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने कागजों पर तो बहुत कुछ रखा है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं है.
राघवन ने कहा कि यह सरकार गरीबों, किसानों, दलितों के लिए भावनाएं नहीं रखती और उसने मनरेगा जैसी योजना में भी आवंटन कम कर दिया है. राघवन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस को 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' कहते हैं, जबकि हम कांग्रेस के गौरवान्वित सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पूछते हैं कि संप्रग ने इतने साल तक क्या किया. कांग्रेस सांसद ने कहा, 'हम मनरेगा लाए, आरटीआई लाए, खाद्य सुरक्षा कानून लाए, शिक्षा का अधिकार कानून लाए. ऐसी योजनाओं की एक लंबी सूची है.'
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