नई दिल्ली : लोकसभा ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी और राष्ट्रीय डोप जांच प्रयोगशाला के कामकाज को कानूनी स्वरूप प्रदान करने संबंधी राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी विधेयक 2021 को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिससे डोपिंग रोधी विषय पर संयुक्त राष्ट्र की संधि भी प्रभाव में आ जाएगी. निचले सदन में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय युवा एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक से न सिर्फ खेल और खिलाड़ियों को मदद मिलेगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत को भी बल मिलेगा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में राष्ट्रीय डोप टेस्ट लेबोरेटरी (एनडीटीएल) बनाई गयी थी, नियम भी बनाये गए थे, लेकिन इसे वैधानिक दर्जा नहीं मिला था.
ठाकुर ने कहा कि भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन बेहतर करना है तो मानदंडों को भी बेहतर बनाना होगा. ठाकुर ने यह भी बताया कि पिछले वर्ष एनडीटीएल को विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) से फिर मान्यता मिल गई है जिसे 2019 में वैश्विक मानदंडों पर खरा नहीं उतरने की वजह से रोक दिया गया था. उन्होंने बताया कि अमेरिका, चीन, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों में डोप जांच को लेकर पहले से ही व्यवस्था है. मंत्री ने कहा कि अब भारत भी इसमें शामिल हो गया है और इससे भारत की साख भी बढ़ेगी.
खेल मंत्री ने कहा कि हम किसी बड़ी खेल प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं, तब एक दिन में 10 हजार से अधिक नमूनों की जांच की जरूरत पड़ेगी, ऐसे में एक प्रयोगशाला से काम नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर और प्रयोगशालाएं स्थापित की जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि एक प्रयोगशाला की स्थापना पर 70 से 100 करोड़ रूपये खर्च आता है लेकिन धन को आड़े नहीं आने दिया जायेगा.
ठाकुर ने कहा कि खेल और खिलाड़ी मोदी सरकार की प्राथमिकता रही है. उन्होंने कहा, "हम कानून बनाने जा रहे हैं जिससे खिलाड़ियों को फायदा होगा और खिलाड़ियों के जांच नमून भेजने को लेकर दूसरे देशों पर निर्भरता कम होगी. यह विधेयक आत्मनिर्भर भारत को बल देगा." मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने 'राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी विधेयक, 2021' को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी. यह विधेयक पिछले वर्ष दिसंबर में लोकसभा में पेश किया गया था और इसे विचारार्थ स्थायी समिति को भेज दिया गया था. इसके बाद सोमवार, 27 जुलाई को इसे चर्चा एवं पारित होने के लिए सदन में लाया गया.