भागलपुरः गर्मी में कोल्ड ड्रिंक पीना सभी को पसंद है, लेकिन कभी बकरे को कोल्ड ड्रिंक पीते देखा है. इसका उदाहरण बिहार के भागलपुर में देखने को मिला है. लॉकडाइन नामक बकरा कोल्ड ड्रिंक का शौकीन है. इसका मालिक रोज इसे कोका कोला (Coca Cola) पिलाते हैं. इसके बाद ही यह शांत रहता है. जिले के ततारपुर के रहने वाले शाहिद उर्फ भोला के पास तोतापुरी नस्ल का बकरा है, जो रोज कोल्ड ड्रिंक पीता है.
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रोज 100 रुपए खर्च: ततारपुर के रहने वाले शाहिद उर्फ भोला इस बकरा को बकरीद के लिए तीन साल से पाल रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके पीछ हर रोह करीब 100 रुपए खर्च किया जाता है. अब जाकर इसका वजन 80 किलो हो गया है. बकरीद पर इसकी कीमत करीब 1 लाख रुपए तक लगाई गई है. हालांकि शाहिद का कहना है कि वे इसे बेचना नहीं चाहते हैं.
सेवा में कोई कसर नहीं छोड़तेःबता दें कि भागलपुर जिले में बकरीद की तैयारी जोरों पर है. 29 जून को बकरीद मनाया जाएगा. इसको लेकर बाजारों में कई जगहों पर बकरे की मंडी लग गई है. कोल्ड ड्रिंक पीने वाला 80 किलो का बकरा 'लॉकडाउन' की चर्चा खूब हो रही है. यह बकरा गर्मी से राहत के लिए ठंडे पानी और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करता है. इसके मालिक सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं.
लॉकडाउन में इसका जन्म हुआः70 वर्षीय शाहिद ने बताया कि हमने अपने बकरे का नाम लॉकडाउन रखा है. जब उनसे इस नाम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 2020 के लॉकडाउन में इसका जन्म हुआ था. तभी से हमने इस बकरे का नाम लॉकडाउन रखा है. यह तोतापुरी नस्ल का है. कुर्बानी के लिए मैंने इस बकरे को रखा है. बाजार में इसकी कीमत करीब 1 लाख रुपए लगाई गई है, लेकिन मुझे यह नहीं बेचना है. अपने घर में ही इसकी कुर्बानी दी जाएगी.
"2020 के कोरोनाकल में इसका जन्म हुआ था, इसलिए इसका नाम लॉकडाउन रखा गया है. 3 साल में इसका वजन 80 किलो हो गया है. बाजार में इसकी कीमत 1 लाख रुपए तक लगाई गई है, लेकिन इसे बेचना नहीं है. इसे अपने घर में ही कुर्बानी दी जाएगी."-शाहिद, बकरा का मालिक
क्यों मनाया जाता है बकरीद?: बकरीद कुर्बानी का त्योहार है. माना जाता है कि पैगंबर इब्राहिम मोहम्मद अल्लाह की इबादत में खुद को समर्पित कर दिए थे. इससे अल्लाह खुश हुए और परीक्षा लेने के लिए पैगंबर की सबसे बेस्कीमती चीज की कर्बानी मांगी. पैगंबर ने अल्लाह को खुश करने के लिए अपने बेटे की कुर्बानी देने के लिए तैयार हो गए. कुर्बानी देने ही वाले थे कि अल्लाह ने उनके बेटे को बचा लिया और उसकी जगह एक बकरा को कुर्बान करने के लिए कहा. तभी से बकरीद का त्योहार पैगंबर को याद करने के लिए मनाया जाता है.