दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सांस की नली से निकाला जिंदा जोंक, डॉक्टरों ने सर्जरी के बाद बचाई जान - West Bengal

नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनबीएमसीएच) के ईएनटी विभाग के डॉ. राधेश्याम महतो ने बताया कि साजिन राय को बुधवार को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. जांच करने पर पता चला कि उसकी सांस की नली में जोंक फंस गया है.

Live leech taken out from trachea
अस्पताल में मरीज की जांच करती मेडिकल टीम

By

Published : Dec 23, 2022, 11:52 AM IST

Updated : Dec 23, 2022, 12:44 PM IST

सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) : करीब 15 दिन से सांस की नली में जोंक फंसने का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. डॉक्टरों ने सर्जरी के जरिए शख्स की सांस नली से जोंक निकाल दी. बताया जा रहा है कि मिरिक अनुमंडल निवासी साजिन राय (49) को बुधवार को तबीयत बिगड़ने पर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जांच करने के बाद डॉक्टरों ने पाया कि उनकी श्वासनली में एक जिंदा जोंक फंसी हुई थी. इसके बाद नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनबीएमसीएच) के ईएनटी विभाग के डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर जोंक को निकाला.

ईएनटी विभाग के चिकित्सक डॉ. राधेश्याम महतो ने गुरुवार को एनबीएमसीएच में पत्रकार वार्ता की. डॉ. राधेश्याम महतो ने बताया कि साजिन राय को बुधवार को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. जांच करने पर पता चला कि उसकी सांस की नली में जोंक फंस गया है. मरीज ने बताया था कि उसने 15 दिन पहले झरने का पानी पिया था. ऐसा संदेह है कि जोंक श्वासनली में फंस गई थी और सर्जरी के बाद उसे सफलतापूर्वक निकाल दिया गया है. साजिन राय अब पूरी तरह स्वस्थ्य हैं.

पढ़ें: कोरोना: सरकार ने दी नैजल वैक्सीन को मंजूरी, सबसे पहले प्राइवेट अस्पतालों में मिलेगी

बताया गया कि गुरुवार को मरीज की क्रिटिकल सर्जरी हुई और अगले ही दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. मरीज को मौत के मुंह से बचाने के लिए मरीज के परिजन अस्पताल के डॉक्टरों का शुक्रिया अदा किया. नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सूत्रों के अनुसार व्यक्ति का नाम मिरिक निवासी साजिन राय (49) है. परिजनों ने बताया कि 15 दिन पहले की बात है, जब वह गया तो राय ने एक स्थानीय झरने का पानी पीने की कोशिश की, और जोंक उसके गले में फंस गया.

यह फिर धीरे-धीरे श्वासनली में चला गया. तभी से वह असहज थे. जब वह बेचैनी से निजात पाने के लिए डॉक्टर के पास गया. लेकिन उन्हें आगे के इलाज के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल जाने की सलाह दी गई. मंगलवार की रात उसे एनबीएमसीएच में भर्ती कराया गया था. व्यक्ति की जांच करने के बाद डॉक्टरों ने पाया कि जोंक श्वासनली में फंसा हुआ है. जिसे निकालने के लिए तत्काल सर्जरी की आवश्यकता थी.

पढ़ें: कोरोना अलर्ट : मंगलवार को पूरे देश में होगी मॉक ड्रिल

बिना समय गवाए मरीज की जांच के लिए विशेष टीम बनाई गई. टीम में ओटोरहिनोलरिंजोलॉजिस्ट राधेश्याम महतो, डॉक्टर सौमिक दास, गौतम दास, सौमेंदु भौमिक, मणिदीपा सरकार, तुहिन शशमल, अजहरुद्दीन और अजितव सरकार शामिल थे. इसके अलावा, एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व डॉ. अभिषेक गांगुली कर रहे थे. बुधवार को करीब डेढ़ घंटे की सर्जरी के बाद जोंक को जिंदा बाहर निकाला गया. राय की हालत भी अब स्थिर बताई जा रही है. डॉक्टरों ने दावा किया कि यह एक दुर्लभ सर्जरी थी. ईएनटी विभाग के प्रमुख राधेश्याम महतो ने कहा कि अपनी करीब 40 साल की चिकित्सा सेवा में मैंने कभी भी किसी जोंक को 15 दिनों तक सांस की नली में जिंदा रहते नहीं देखा. इसलिए हमें बहुत सावधान रहना पड़ा.

पढ़ें: कोरोना वायरस को लेकर सरकार सतर्क, मंडाविया आज करेंगे राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक

Last Updated : Dec 23, 2022, 12:44 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details