अहमदाबाद :कोरोना की दूसरी लहर में स्थिति बेकाबू होती नजर आ रही है. कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. दूसरी लहर आने के बाद से अब तक 411 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं. इनमें नवजात बच्चों से लेकर 12 साल के बच्चे शामिल हैं.
इनमें से कुछ बच्चे ऐसे हैं जिन्हें गंभीर हालत होने पर वेंटिलेटर पर रखा गया बावजूद इसके इन बच्चों ने कोरोना से जंग जीत ली और सुरक्षित घर लौट आए.
नहीं पीया मां का दूध
सूरत में 25 दिन के एक बच्चे ने कोरोना को हराया है. पिता रुबेन डैनियल ने कहा कि पहले वे संक्रमित हुए. दो दिन बाद उनकी मां और पत्नी भी संक्रमित हो गई. इसके बाद नवजात बच्चो को भी कोरोना हो गया. एहतियाती तौर पर बच्चे को मां का दूध नहीं पिलाया गया. नियमों का पालन करने से और सही इलाज मिलने से बच्चा अब सुरक्षित है.
मेरा बेटा फाइटर है
शिवेन शाह तीन साल का है. शिवेन के पिता मृगेश ने बताया कि जब बच्चा संक्रमित पाया गया तो उसे आईसोलेट किया गया. हालांकि, इलाज के बाद वह ठाक हो गया. उन्होंने कहा कि उनके लिए उनका बेटा एक फाइटर है.
नहीं कम हो रहा था बुखार
दो वर्षीय जैस्मीन ने भी कोरोना को मात दी है. जैस्मीन के पिता सागर ने बताया कि उसे बुखार आ रहा था. वह खेलते-खेलते गिर जाती थी. उसका बुखार भी कम नहीं हो रहा था जिसके बाद उसका कोरोना टेस्ट करवाया गया. रिपोर्ट्स पॉजिटिव आई. हम उसे तुरंत एक डॉक्टर के पास ले गए जिसके बाद उसे उपचार दिया गया और जैस्मीन ठीक हो गई.
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वह दवा भी नहीं पी पा रही थी
एक वर्षीय त्रिशा चांचडिया कोरोना से संक्रमित पाई गई. उसका पूरा परिवार कोरोना संक्रमित था. त्रिशा के पिता धर्मेश ने बताया कि त्रिशा इतनी बीमार थी कि वह दवा भी नहीं ले पा रही थी. इसके बाद त्रिशा को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के बाद वह बिलकुल ठीक हो गई.
दिया गया दवाइयों का भारी डोज
2.5 वर्षीय विवान गोंदालिया भी कोरोना पॉजिटिव था. विवान के पिता सुमित ने बताया कि विवान को लगातार दो दिनों तक चेज बुखार आता रहा. विवान के पिता को लग रहा था कि उनका बेटा दवा का भारी डोज नहीं ले पाएगा, इससे उसकी तबीयत और भी ज्यादा बिगड़ सकती है, लेकिन पांच दिन अस्पताल में उसे इंजेक्शन के माध्यम से दवा दी गई, जिसके बाद विवान ने कोरोना को हरा दिया.
कोरोना संक्रमित बच्चों का इलाज कर रहे डॉ. पुरवेश ढाकेचा ने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बच्चे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. कोरोना से संक्रमित बच्चों को डॉक्टर बुखार के लिएपैरासिटामोल और कुछ अन्य एंटीबायोटिक देते हैं लेकिन गंभीर हालत होने पर बच्चों को भी रेमडेसिविर के इंजेक्शन देने पड़ते हैं.