हैदराबाद: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सुसाइड केस की गुत्थियां सुलझाने का काम सीबीआई कर रही है. लेकिन नरेंद्र गिरी की मौत के बाद जो घिनौने राज सामने आ रहे हैं, वो एक बार फिर से आस्था और विश्वास पर गहरी चोट दे रहे हैं. नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके तथाकथित राज़ हों या शिष्य आनंद गिरी की अय्याशी वाली तस्वीरें, इस सबने एक बार फिर धर्म, आध्यात्म और सत्संग की आड़ में ऐसे तथा कथित बाबाओं के अधर्म, जुर्म और काली घिनौनी करतूतों पर फिर से बहस शुरू कर दी है.
ये देश साधु संतों और महात्माओं का देश रहा है लेकिन बीते सालों में कई ऐसे चेहरे भी बेपर्दा हुए हैं जो साधु का चोला ओढ़ अय्याश और जुर्म के पर्याय थे. हालांकि इन्हीं साधु संतों में कुछ ऐसे भी हैं जो आज के मॉर्डन जमाने से ताल मिलाकर ज्ञान और आध्यात्म की ज्योत को जलाए हुए हैं. ऐसे तीन तरह के बाबाओं के बारे में आपको बताएंगे, जिनमें से किसी के बारे में जानकर आपका विश्वास घायल होगा तो कोई उस विश्वास की डोर को आज भी थामे हुए हैं. बिल्कुल आम भाषा में हम इन साधु संतों और बाबाओं को तीन अलग-अलग वर्गों में बांटते हैं.
बाबाओं की कैटेगरी
1) साधु-संन्यासी बाबा - बाबाओं की कैटेगरी में इन्हें सर्वश्रेष्ठ कहा जा सकता है. कहा जाता है कि परिवार समेत हर मोह, सुख को त्यागकर ये संन्यासी जंगलों, गुफाओं और पहाड़ों पर चले जाते हैं. कहते हैं कि ये साधु वहां तपस्या करते हैं, सिद्धि प्राप्त करते हैं. कुंभ या अर्धकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में आने वाले कई साधु संन्यासी ऐसे होते हैं जो सिर्फ और सिर्फ ऐसे ही धार्मिक आयोजनों में नजर आते हैं. ऐसे आयोजन से पहले और बाद ये कहां चले जाते हैं, कोई इसकी सटीक जानकारी नहीं दे सकता. इनमें से कुछ साधु होते हैं जो भिक्षा के सहारे अपना जीवन गुजारते हैं.
ऐसे अधिकतर साधुओं के जीवन का एक बड़ा हिस्सा समाज या लोगों से दूर एकांतवास में गुजरता है. परिवार, पैसा सब कुछ छोड़कर वो संन्यास को चुनते हैं और संन्यासी कहलाते हैं. उन्हें शिक्षा, धन, बल, मोह जैसी चीजों से कुछ लेना-देना नहीं होता.
2) मठाधीश बाबा-जहां जंगल और पहाड़ों में रहने वाले साधु-संन्यासी ज्यादातर लोगों और समाज से दूर रहते हैं. वहीं मठाधीश बाबा हमारे और आपके बीच रहते हैं. कई संगठन और मठ भी आज साधु, संन्यासियों और बाबाओं की देखरेख में चल रहे हैं. इनके हजारों लाखों भक्त होते हैं, जिन्हें ये आध्यात्म और धर्म का ज्ञान देते हैं. बड़े-बड़े पांडाल लगाकर कथा वाचन या सत्संग करना भी इनकी कार्यशैली का हिस्सा होता है. कुछ बाबा भक्तों की भीड़ के सहारे अपना नाम और बिजनेस भी चमकाते हैं.
ऐसे ज्यादातर बाबा किसी संगठन या मठ विशेष के पद पर तैनात होते हैं. हो सकता है कि इस तरह का संगठन या पद उन्होंने खुद ही सृजित किया हो. ऐसे कई बाबा होते हैं जिनका शिक्षा से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं लेकिन वो मठाधीश बने बैठे होते हैं. साधु संन्यासियों से अलग ऐसे बाबाओं में कई ऐसे उदाहरण भी देखने को मिलते हैं जिन्हें धन, बल, मोह और हर तरह के सांसारिक सुखों की लालसा होती है. भक्तों के सहारे कई बाबा धन, बल और ख्याति के चरम पर पहुंच जाते हैं. जहां सियासत से लेकर खेल और फिल्म समेत हर क्षेत्र के लोग इनके आगे नतमस्तक होते हैं. लेकिन इसी धन, बल और अपने ढोंग की आड़ में कुछ बाबा जुर्म की अंधेरी राहों तक भी पहुंच जाते हैं.
3) ज्ञानी बाबा- ये नए जमाने के बाबाओं की नई कैटेगरी है. जो धर्म और आध्यात्म की बात मॉर्डन यानि आज के तरीके से करते हैं. आज की सोच के साथ चलने के हिमायती ऐसे बाबा आध्यात्म के साथ शिक्षा, तकनीक और समसामयिक मुद्दों की बात करते हैं. इसी वजह से ऐसे बाबा आज के युवाओं की पहली पसंद हैं. ऐसे बाबा किसी स्कॉलर की तरह भाषण देते हैं और इनके भक्त देश ही नहीं विदेशों में भी हैं.
इस तरह के बाबा पढ़े-लिखे होते हैं और अंग्रेजी तक बोलते हैं. दुनिया के कई देशों में प्रवचन और ज्ञान देते हैं. समाज के निर्माण में भी ये अपनी भूमिका निभाते हैं.
ऐसे बाबाओं की वजह से टूटता है लोगों का विश्वास ?
आसाराम-आशुमल सिरुमलानी हरपलानी अपने भक्तों के बीच आसाराम बापू के नाम से जाना जाता था. देश और दुनिया में उसके 400 से ज्यादा आश्रम थे. साल 2018 में नाबालिग से दुष्कर्म, हत्या, अवैध कब्जे जैसे कई आरोप लगे, जिसके बाद कोर्ट ने रेप के मामले में दोषी करार दिया और उम्रकैद की सजा सुनाई.
नारायण साईं- ये आसाराम का बेटा है जो अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए लोगों को आध्यात्म के नाम पर बेवकूफ बनाना था. जब कानून के हाथ इन दोनों की गर्दन तक पहुंचे तो इनके काले चिट्ठे बेपर्दा हो गए. रेप के मामले में अपने पिता के साथ ये भी उम्रकैद की सजा भुगत रहा है. गुजरात पुलिस के मुताबिक नारायण साईं के पास करीब 5,000 करोड़ की संपत्ति थी.
राम रहीम-लोगों को आस्था के नाम पर लूटने वालों में राम रहीम का नाम भी शुमार है. हरियाणा के सिरसा में डेरा सच्चा सौदा के नाम से राम रहीम ने एक अलग ही दुनिया बसा रखी थी. राम रहीम ने फिल्में भी बनाई जिसमें वो खुद हीरो बना था. राम रहीम पर रेप से लेकर हत्या समेत कई मामले दर्ज हुई. कोर्ट ने जब उसे दोषी करार दिया तो पंचकूला में हुई हिंसा में भी कई लोग मारे गए. इस हिंसा में भी राम रहीम और उसके करीबियों का हाथ माना गया. वो फिलहाल रेप और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है.
निर्मल बाबा- निर्मलजीत सिंह नाम का ये शख्स निर्मल बाबा बनकर टीवी पर आता था. इसके कार्यक्रम में जाने वाले लोगों को बकायदा हजारों रुपये की टिकट खरीदनी पड़ती थी. ये अपने कार्यक्रम में आए लोगों को दुख हरने का दावा करते थे. दुखों के निवारण का इलाज के लिए ये जो नुस्खे बताता था उसे सुनकर किसी की भी हंसी छूट जाए. ये कभी भक्तों को समोसे के साथ हरी चटनी खाने की सलाह देता तो कभी महंगा पर्स खरीदने की और कभी फटी हुई जेब सिलने की सलाह देता था. निर्मल बाबा का ये कार्यक्रम रोजाना प्रसारित होता था.
राधे मां- खुद को राधे मां के रूप में प्रचारित करने वाली इस महिला का नाम सुखविंदर कौर है. खुद को दुर्गा का अवतार बताने वाली राधे मां के भक्तों की भी अच्छी खासी संख्या हैं. इनमें कुछ बॉलवुड हस्तियां भी शामिल हैं. भक्तों को दर्शन देने से लेकर चौकी का आयोजन करने तक के लिए भक्तों से मोटी रकम वसूली जाती है. मिनी स्कर्ट और ब्रांडेड कपडों में नाचते हुए उनकी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर मौजूद हैं. एक्ट्रेस डॉली बिंद्रा और एक बिजनेसमैन ने उसपर जान से मारने के आरोप भी लगाए थे.