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जहरीली शराब से मौत पर संजय जायसवाल का बड़ा बयान, 'शराबबंदी कानून की होनी चाहिए समीक्षा' - जहरीली शराब संजय जायसवाल

बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा के पक्ष में लगभग सभी पार्टियां हैं. अब बीजेपी ने भी समीक्षा करने की बात कह दी है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है.

संजय जायसवाल
संजय जायसवाल

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Published : Nov 6, 2021, 7:04 PM IST

पटना :बिहार में शराबबंदी को लेकर भाजपा (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पुलिस की मिलीभगत से भी जहरीली शराब बेची जा रही है.

बता दें कि जदयू शराबबंदी कानून की समीक्षा के पक्ष में नहीं है. उनके नेताओं का कहना है कि शराबबंदी लागू है और रहेगी. प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा है कि शराबबंदी सबकी सहमति से लागू हुई थी. इस फैसले की समीक्षा की जरूरत नहीं है.

बिहार में कहने को तो शराबबंदी है, लेकिन इसी साल अब तक करीबन 100 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने की वजह से हो चुकी है. वहीं, जदयू कार्यालय में मिलन समारोह में पहुंचे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) से जब पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, 'बिहार में शराबबंदी कानून सख्ती से लागू रहेगा. जांच हो रही है और कानून के अनुसार काम होगा. जो भी लोग दोषी है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा. शराबबंदी कानून लागू है और लागू रहेगा.'

ज्ञात हो कि बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. इसके बाद से अब तक करीबन 125 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. साल 2021 में लगभग ही अकेले 90 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. हालांकि शराब के जुड़े मामलों पुष्टि नहीं हो पा रही है.

वहीं बीते कुछ दिनों में शराब पीने से मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, समस्तीपुर और बेतिया में करीबन 39 लोगों की मौत जहरीली शराब से होने की बात कही जा रही है. हाल के इन मामलों में हो हंगामे के बीच पुलिस ने अपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू दी है. स्थानीय थानाध्यक्ष और चौकीदार को निलंबित करते हुए कई लोगों की गिरफ्तारी किया गया है.

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पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में 2016 से अब तक है शराबबंदी रोकने में विफलता पाये जाने पाए गए करीबन 700 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है. तीन लाख से ज्यादा लोगों को शराबबंदी कानून के तहत जेल भी भेजा जा चुका है. राज्य के बाहर के बड़े शराब तस्करों की अन्य राज्यों से गिरफ्तारी भी की गई है. इसके बावजूद भी बिहार में अवैध शराब का व्यवसाय फल फूल रहा है.

बिहार के पूर्व डीजी की मानें तो बिहार में पुलिस की संख्या पर्याप्त नहीं है. इन्हीं पुलिस कर्मियों पर लॉ इन ऑडर, चुनाव के साथ शराबबंदी की जिम्मेदारी है. इसके अलावा सबसे बड़ा मुख्य कारण बिना उचित तैयारी और जागरूकता अभियान चलाये शराबबंदी कानून लोगों पर थोप दिया गया है.

पुलिस मुख्यालय के मुताबिक शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अब तक 187 लाख से अधिक के मूल्य का शराब बरामद किया है. तीन लाख से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की गई है. इसके अलावा शराब के कारोबार के आरोप में लगभग 60,000 वाहनों को जब्त किया गया है. वहीं दूसरे राज्यों से 6,000 लोगों को शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से उत्पाद विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन और पुलिस मिलकर लोगों पर कार्रवाई कर रही है. पुलिस के द्वारा शराब माफियाओं की गिरफ्तारी सजा के लिए विशेष न्यायालय का गठन किया गया है. इसके अलावा केमिकल पदार्थों के जांच के लिए लैबोरेट्री स्थापित करने सहित कई कदम उठाये गये हैं.

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