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लिंगायत संत की आत्महत्या का मामला: कर्नाटक पुलिस ने कोर्ट में दायर की चार्जशीट, महिला श्रद्धालु की अहम भूमिका

कर्नाटक के रामनगर में कंचुगल बंदे मठ के बसवलिंगा स्वामीजी की आत्महत्या मामले में पुलिस ने स्थानीय अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. इस मामले में पुलिस ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली युवती को अभियुक्त बनाया है.

Lingayat saint's suicide case
लिंगायत संत की आत्महत्या का मामला

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Published : Dec 16, 2022, 6:45 PM IST

Updated : Dec 16, 2022, 9:46 PM IST

रामनगर (कर्नाटक): कर्नाटक के रामनगर जिले के मगड़ी में कंचुगल बंदे मठ के बसवलिंगा स्वामीजी की आत्महत्या मामले की जांच कर रही कर्नाटक पुलिस ने स्थानीय अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है. पुलिस सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. चार्जशीट में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही एक युवती भक्त नीलम्बिके की भूमिका का प्रमुखता से जिक्र है. पुलिस ने चार्जशीट में उल्लेख किया है कि एक अन्य संत समेत आरोपी व्यक्तियों की मिलीभगत से उसने हनी ट्रैप को अंजाम दिया.

चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि प्रतिशोध और लालच हनी ट्रैप और मृतक साधु को प्रताड़ित करने का कारण था, जिसके कारण संत ने आत्महत्या की. इस मामले में पुलिस ने कन्नूरू मठ के मृत्युंजय स्वामीजी, डोड्डाबल्लापुर की नीलम्बिके उर्फ चंदा और तुमकुरु के एक वकील महादेवैया को गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था और पुलिस को बताया कि वे मृतक साधु से नफरत करते थे और उसे पद से हटाना चाहते थे.

अभियुक्त मृत्युंजय स्वामी की नजर धनाढ्य कंचुगल बड़े मठ के सिंहासन पर थी. मठ के भक्तों की एक बड़ी संख्या है. साथ ही बेंगलुरु के पास 80 एकड़ से अधिक भूमि है. इसके अलावा, कई फंड और कई शिक्षा संस्थान भी है. अभियुक्त मृत्युंजय स्वामीजी, मृतक संत के चचेरे भाई, को अपने मठ को चलाने के लिए फंड की जरुरत थी. वह शो को मैनेज करने के लिए तुमकुरु के सिद्धगंगा मठ पर निर्भर थे. लेकिन, सिद्धगंगा मठ ने आरोपी स्वामीजी से खुद को दूर कर लिया था.

पुलिस जांच में कहा गया है कि आरोपी ने सिद्धगंगा मठ के संत के सामने मृतक संत के खिलाफ शिकायत करने पर नाराजगी जताई थी. मृतक को ठिकाने लगाने के लिए उसने एक अन्य महिला आरोपी नीलम्बिके का इस्तेमाल किया. लिंगायत मठों के स्वामीजी के साथ नीलम्बिके के अच्छे संबंध थे और वह मृत साधु के भी करीब था. वह उस पर क्रोधित थी, क्योंकि उसने अन्य स्वामीजी के बारे में बुरा बोलने के बारे में उसकी बातचीत को रिकॉर्ड किया था और उन स्वामीजी को उसकी ऑडियो क्लिप भेजी थी.

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नीलम्बिके ने मृतक संत को फंसाया. उसने कुछ ऑडियो रिकॉर्ड किए और कुछ अश्लील वीडियो क्लिप को शूट किया, जिसे बाद में उसने आरोपी संत को सौंप दिया. अधिवक्ता ने उन्हें एडिट करवाया और साधु को ब्लैकमेल किया गया. आरोपी व्यक्तियों ने सोचा कि बसवलिंगा पद छोड़ देंगे. लेकिन, साधु ने 24 अक्टूबर को मठ के परिसर में आत्महत्या कर ली.

(आईएएनएस)

Last Updated : Dec 16, 2022, 9:46 PM IST

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