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आगरा में साले पर तेजाब से हमला कर अं​धा बनाने वाले जीजा को उम्रकैद - आगरा में एसिड हमले में आजीवन कारावार

आगरा में अपर जिला जज ने एक शख्स को अपने साले पर तेजाब से हमला करने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस हमले में किशोर की आंख की रोशनी चली गई.

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Published : Jun 2, 2023, 9:33 AM IST

आगरा:अपर जिला जज कनिष्क सिंह ने गुरुवार को साले पर तेजाब से हमला करने के मामले में जीजा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. तेजाब के हमले में किशोर की आंखों की रोशनी चली गई थी.

पृथ्वीनाथ फाटक क्षेत्र निवासी रुखसार ने शाहगंज थाने में आजमपाड़ा निवासी पति वसीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. ​पति और पत्नी के रिश्ते में घटास आ गई थी. मुकदमा दर्ज होने से वसीम गुस्से में था. रुखसार खान ने दूसरा मुकदमा 4 अक्तूबर 2019 को शाहगंज थाने में छोटे भाई संजय खान पर तेजाब से हमला करके उसे दिव्यांग बनाने का दर्ज कराया था. इसमें भी आरोपी वसीम को दोषी मानते हुए साढ़े तीन साल की आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

एडीजीसी राहुल सिंह सिसौदिया ने बताया कि रुखसार खान ने शाहगंज थाने में दर्ज कराए मुकदमे में आरोप लगाया था कि पारिवारिक विवाद के चलते ही पति वसीम उसके परिवार से रंजिश मान बैठा था. रुखसार ने बताया कि 16 वर्षीय उसका भाई संजय खान शिव नगर, शाहगंज स्थित एक डेंटल क्लीनिक में कंपाउंडर था. वह रात करीब दस बजे क्लीनिक बंद करके घर लौट रहा था. सड़क पर पहले से वसीम निवासी आजमपाड़ा शाहगंज घात लगाए बैठा था. जैसे ही संजय खान वहां से गुजरा तो वसीम ने उस पर तेजाब से भरा डिब्बा उड़ेल दिया, जिससे संजय की चीख निकल गई. तेजाब से उसका चेहरा बुरी तरह झुलस गया. रुखसार ने भाई संजय को गंभीर हालत में एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया. लेकिन, संजय की आंखों की रोशनी चली गई.

अपर जिला जज कनिष्क सिंह ने दोषी वसीम को सजा सुनाने के साथ ही अपनी टिप्पणी भी लिखी. इसमें लिखा कि आरोपी के कृत्य से पीड़ित की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई. अब वो जीवनभर दूसरों पर आश्रित रहेगा. जबकि, पीड़ित महज 16 साल का रहा होगा. वह पढ़ाई में भी होशियार था. लेकिन, आरोपी के इस वीभत्स कृत्य से किशोर का भविष्य अंधकारमय हो गया. इस कृत्य से पीड़ित के शरीर ही नहीं, उसकी आत्मा पर भी गहरा आघात लगा है. आरोपी का यह अपराध अत्यंत गम्भीर व वीभत्स प्रकृति का है. आरोपी को आजीवन कारावास व एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया जाता है.

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