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संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित LIC का IPO हुआ सब्सक्राइब

एलआईसी के बैंकों और म्यूचुअल फंड सहित क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए आरक्षित आईपीओ भी सोमवार सुबह पूरी तरह से सब्सक्राइब हो गया. इसके साथ ही एलआईसी आईपीओ का ओवरऑल सब्सक्रिप्शन दोगुना से ज्यादा हो गया.

एलआईसी के पब्लिक ऑफर
एलआईसी के पब्लिक ऑफर

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Published : May 9, 2022, 1:24 PM IST

Updated : May 9, 2022, 1:33 PM IST

नई दिल्ली : एलआईसी के पब्लिक ऑफर में बैंकों और म्यूचुअल फंड सहित क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए आरक्षित शेयर भी सोमवार सुबह पूरी तरह से सब्सक्राइब हो गया. जिससे इश्यू का ओवरऑल सब्सक्रिप्शन दोगुना से ज्यादा हो गया. दोपहर 12:12 बजे स्टॉक एक्सचेंजों पर पोस्ट किए गए आंकड़ों के अनुसार, आरक्षित 3,95,31,236 के मुकाबले, 4,61,62,185 बोलियां प्राप्त हुईं, जो 1.17 गुना दर्शाती हैं. गैर संस्थागत निवेशकों का हिस्सा 1.38 गुना सब्सक्राइब हुआ. खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों ने 6.9 करोड़ शेयरों के मुकाबले 11.89 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई. जो कि 1.72 गुना है.

कुल पॉलिसीधारकों के हिस्से को 5.39 गुना सब्सक्राइब किया गया था, जबकि कर्मचारियों के लिए 4 गुना सब्सक्राइब किया गया था. कुल मिलाकर एलआईसी इश्यू 2.05 गुना सब्सक्राइब हुआ. इसके प्रस्ताव पर 16,20,78,067 शेयरों के मुकाबले 33,19,04,280 बोलियां प्राप्त हुईं. एलआईसी ने निर्गम के लिए 902-949 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का प्राइस बैंड तय किया है. इसमें पात्र (eligible) कर्मचारियों और पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षण शामिल है.

खुदरा निवेशकों और पात्र कर्मचारियों को प्रति शेयर 45 रुपये की छूट मिलेगी, जबकि पॉलिसीधारकों को प्रति शेयर 60 रुपये की छूट मिलेगी. पब्लिक ऑफर के साथ, जो बाद में दिन में बंद हो जाती है, सरकार का लक्ष्य बीमा क्षेत्र में 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी को कम करके लगभग 21,000 करोड़ रुपये अर्जित करना है. एलआईसी ने अपने आईपीओ के आकार को मौजूदा बाजार की मौजूदा स्थितियों के कारण पहले तय किए गए 5 प्रतिशत से घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया. साइज कम होने के बाद भी एलआईसी का आईपीओ देश में अब तक का सबसे बड़ा आरंभिक सार्वजनिक निर्गम होने जा रहा है. अब तक, 2021 में पेटीएम के आईपीओ से जुटाई गई राशि अब तक की सबसे बड़ी 18,300 करोड़ रुपये थी, इसके बाद कोल इंडिया (2010) लगभग 15,500 करोड़ रुपये और रिलायंस पावर (2008) 11,700 करोड़ रुपये थी.

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पीटीआई

Last Updated : May 9, 2022, 1:33 PM IST

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