नई दिल्लीः दिल्ली परिवहन निगम (DTC) द्वारा 1000 लो-फ्लोर बसों की खरीद प्रक्रिया में अनियमितता और भ्रष्टाचार के मामले की जांच अब सीबीआई करेगी. प्राप्त शिकायत की विभागीय स्तर पर जांच को सही पाते हुए दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने इस मामले को सीबीआई जांच कराने का प्रस्ताव उपराज्यपाल सचिवालय को भेजा था, जिसे उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंजूरी दे दी है. नई आबकारी नीति, स्कूलों में नए कमरे निर्माण में भ्रष्टाचार की पहले से जारी सीबीआई जांच के बाद डीटीसी बसों से संबंधित कथित घोटाले में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार हर तरफ से घिरती नजर आ रही है.
डीटीसी बस खरीद मामले में कथित घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की शिकायत गत वर्ष दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने उपराज्याल से की थी. जिसे अब मंजूर कर लिया है. इस संबंध में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और विजेंद्र गुप्ता लगातार उपराज्यपाल से लगातार उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की थी, जिसके बाद उपराज्यपाल ने पहले शिकायत की जांच मुख्य सचिव को कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था.
दिल्ली सरकार द्वारा 1000 नई लो फ्लोर बस खरीदने और उसके रखरखाव की जो शर्त रखी गयी, आरोप है कि इस हिसाब से 3500 करोड़ रुपये के बस रख-रखाव का घोटाला है. बस के रख-रखाव का काम सभी जगह उसकी वारंटी के बाद दिया जाता है, लेकिन दिल्ली में 1000 बसों की 850 करोड़ रुपये में खरीद के साथ ही उसके रखरखाव के लिए भी 3500 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया था. केजरीवाल सरकार ने बसों को हासिल किए बिना ही वर्क आर्डर लागू कर दिया. इसके बाद बीजेपी की लगातार आपत्तियों के बाद एक समिति ने बसों के रखरखाव के वर्क आर्डर को रद्द करने का सुझाव दिया. समिति का यह सुझाव सरकार को बचाने के लिए रास्ता देने की कोशिश है. इस मामले को दबाने की पूरी कोशिश गई.