नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के कथित उल्लंघन तथा प्रक्रियागत खामियों को लेकर इसकी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की सिफारिश की है. भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी और आदेश गुप्ता ने इस फैसले का स्वागत करते हुए केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है.
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि 'आज मेरे केजरीवाल जी से कुछ सवाल हैं. इससे पहले कि वो अपने आप को ईमानदारी का सर्टिफिकेट देना शुरू करें और ईमानदारी का ढकोसला करें. लेकिन प्रश्नों का उत्तर न देने से काम नहीं चलेगा. क्योंकि लोकतंत्र में प्रश्न पूछे जाते हैं और उनका उत्तर देना अनिवार्य है.' उन्होंने कहा कि 'केजरीवाल ये बताएं कि 25 अक्टूबर 2021 को एक्साइज विभाग ने नोटिस दिया था उन कंपनियों को, जिनको शराब के लाइसेंस दिए गए थे. इस मामले में क्या कार्रवाई हुई? 14 जुलाई 2022 को बिना कैबिनेट नोट के जल्दबाजी में 144.36 करोड़ रुपये की छूट उन्हीं कंपनियों को बिना कानून का पालन किए दी गई?.'
उन्होंने कहा कि 'अगर उसके लिए प्रक्रिया को फॉलो नहीं किया जाता तो, वो डिपॉजिट सरकारी खजाने में चला जाता है. लेकिन इस केस में ये 30 करोड़ रुपये बिना किसी अप्रूवल और प्रक्रिया के उस कंपनी को वापस किए गए. जब एल1 का टेंडर किसी भी कंपनी का लगता है, तो उस टेंडर से पहले कुछ मनी डिपाजिट देना पड़ता है. एक कंपनी द्वारा 30 करोड़ रुपये डिपाजिट दिया गया. केजरीवाल सरकार ने शराब कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों का उल्लंघन करते हुए जो निर्णय लिए हैं, उससे जनता का ही नुकसान हुआ है. दिल्ली में गैरकानूनी तरीके से आबकारी पॉलिसी को अपनाया गया. दिल्ली की जनता के साथ धोखाधड़ी हुई है. केजरीवाल को इस घोटाले का पूरा ब्योरा तथ्यों के आधार पर देना चाहिए. ऐसी क्या जल्दी थी कि बिना एजेंडा सेट किए इन्हें कागजों पर हस्ताक्षर करने पड़े.'
'बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ' :आदेश गुप्ता ने कहा कि 'मैं आज सबसे पहले LG साहब का धन्यवाद करता हूं. क्योंकि दिल्ली की नई शराब पॉलिसी के खिलाफ भाजपा भी बहुत दिनों से आंदोलन कर रही थी. उसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. आज बड़ी खुशी की बात है कि एलजी साहब ने इसकी CBI जांच के आदेश दिए. जिस समय नई शराब नीति घोषित हुई, उस समय 2.5% कमीशन शराब के ठेकेदारों को दिया जाता था, जिसको बढ़ाकर 12.5% किया गया. सीधे 10% का फायदा शराब माफिया को देने का काम केजरीवाल सरकार ने किया है.'
पढ़ें- दिल्ली एलजी के आदेशः केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति की हाेगी CBI जांच