दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Homes for Homeless: भूमि आवंटन मुद्दे पर मनोज सिन्हा ने क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की आलोचना की - भूमि आवंटन मुद्दे पर मनोज सिन्हा

जम्मू-कश्मीर में बेघर लोगों को पांच मरला जमीन देने के प्रशासन के फैसले पर पीडीपी, एनसी और अन्य पार्टियों ने कड़ी आपत्ति जताई है, जिसके जवाब में उपराज्यपाल ने इन पार्टियों की कड़ी निंदा की है.

Homes for Homeless
मनोज सिन्हा

By

Published : Jul 7, 2023, 10:51 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को उन स्थानीय पार्टियों की आलोचना की, जिन्होंने "बेघरों को घर मुहैया कराने" के हालिया फैसले का विरोध किया था. एलजी ने कहा कि वे दिन गए जब कुछ लोग सरकारी संपत्तियों और फंडों के मालिक बने बैठे थे. श्रीनगर में एसकेआईसीसी में राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव को संबोधित करते हुए एलजी ने कहा कि हाल ही में 2,711 भूमिहीन परिवारों को जमीन और बेघरों को घर देने की घोषणा पर कुछ लोगों ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी है.

एलजी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और अन्य स्थानीय नेताओं की ओर स्पष्ट रूप से इशारा करते हुए कहा, "मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि सरकारी संपत्तियों और वित्त को अपना मानने के दिन बीत चुके हैं." वे दिन गए जब वे अपने राजनीतिक हितों के आधार पर निर्णय लेते थे. उन्होंने सरकारी संपत्ति ले ली, अपने लिए आलीशान घर बनाए और वंचितों को भूल गए.”

गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में दो लाख परिवारों को पांच मरला जमीन मुहैया कराने की प्रशासन की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए पूछा था, 'जम्मू-कश्मीर में बेघर लोग कौन हैं?' वहीं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि ''इसका (जमीन मुहैया कराने का) मकसद बाहरी लोगों को यहां बसाकर जम्मू-कश्मीर को झुग्गी बस्ती में बदलना है.''

एलजी के मुताबिक, प्रधानमंत्री आवास योजना जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू की गई. एलजी के मुताबिक, कुछ लोगों को अब यह दुख हो रहा है कि यह कार्यक्रम अब जम्मू-कश्मीर में भी लागू किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना साकार होगा. प्रत्येक विस्थापित परिवार को अपना घर बनाने के लिए पांच मरला जमीन दी जाएगी. एलजी ने समृद्ध और शांतिपूर्ण जम्मू-कश्मीर में सहयोग के लिए जनजातीय समुदाय को धन्यवाद दिया और कहा कि जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए कई पहल की गई हैं.

एलजी ने कहा कि आदिवासी युवाओं को परीक्षाओं के लिए तैयार करने और उनके लिए मुफ्त ट्यूशन प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं. 5 अगस्त, 2019 आदिवासी समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक दिन था क्योंकि यह उनके लिए भेदभाव के अंत का प्रतीक था. आदिवासियों के हित के लिए न केवल जनजातीय कार्य विभाग बल्कि अन्य प्रशासनिक एजेंसियां ​​भी मिलकर सहयोग करेंगी. उन्होंने कहा कि एक बिल्कुल नए वेब प्लेटफॉर्म में जम्मू-कश्मीर के चार लाख आदिवासियों में से प्रत्येक का रिकॉर्ड शामिल होगा, जो निरंतर ट्रैकिंग को सक्षम करेगा. आदिवासियों को प्रवास के दौरान मुफ्त परिवहन उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे एक महीने के बजाय दो दिन में अपने गंतव्य तक पहुंच सकें. उन्हें मुफ्त एम्बुलेंस सेवा भी मिलेगी. आदिवासियों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं भी स्थापित की जाएंगी.

यह भी पढ़ें:

ABOUT THE AUTHOR

...view details