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दोनों सदन के विपक्ष के नेताओं को लिखा पत्र, मणिपुर पर लंबी चर्चा को भी तैयार : शाह

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Published : Jul 25, 2023, 7:29 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि विपक्षी दलों को जनता से डरना चाहिए और मणिपुर जैसे संवेदनशील विषय पर चर्चा के लिए सदन में उचित माहौल बनाना चाहिए तथा सरकार को चर्चा से कोई डर नहीं है.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

नई दिल्ली: मणिपुर को लेकर सदन के अंदर विपक्षी दलों द्वारा किए जा रहे हंगामे पर पलटवार करते हुए केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोक सभा में कहा कि उन्होंने दोनों सदन में विपक्ष के नेताओं को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार मणिपुर पर चर्चा को तैयार है, विपक्ष जितनी लंबी चर्चा करना चाहे, उतनी लंबी चर्चा के लिए सरकार तैयार है, क्योंकि सरकार के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है.

शाह ने मणिपुर को संवेदनशील विषय बताते हुए कहा कि उन्होंने नेताओं से इस पर चर्चा के लिए अनुकूल माहौल बनाने का आग्रह किया है. शाह ने सदन में यह भी कहा कि जनता इनको देख रही है, चुनाव का समय है और सबको जनता को ध्यान में रखना चाहिए.

'उचित माहौल बनाएं':गृह मंत्री ने कहा, 'जनता आपको देख रही है, चुनाव में जाना है. जनता के खौफ को ध्यान में रखें. आपसे विनती है कि मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन में उचित माहौल बनाइए.'

मणिपुर के मामले पर लोक सभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे और नारेबाजी के बीच सदन में बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक 2022 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर विपक्षी सांसदों से सदन चलने देने और मणिपुर जैसे संवेदनशील विषय पर चर्चा होने देने का आग्रह दिया.

इससे पहले सहकारिता क्षेत्र के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताते हुए शाह ने कहा कि ये लोग (विपक्षी सांसद) जो सदन में नारे लगा रहे हैं, इन्हें न सहकार में रुचि है न ही सहकारिता में, न दलितों में रुचि है न महिलाओं के कल्याण में रुचि है.

अमित शाह ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था, लेकिन उन्होंने गरीबी हटाने की बजाय गरीबों को हटाने का काम किया. जबकि, मोदी सरकार ने पिछले 9 सालों में गरीबी हटाने के लिए ही काम किया है.

शाह के जवाब के बाद लोक सभा ने बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक 2022 को पारित कर दिया. इसके बाद सदन की कार्यवाही को बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

गौरतलब है कि कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा की मांग कर रहे हैं. इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र के पहले चार दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई.

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(आईएएनएस)

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