ईटानगर :अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस सहित चार विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर राज्य और पड़ोसी प्रदेश असम के बीच सीमा विवाद को हल करने में हस्तक्षेप की मांग की है. इन राजनीतिक दलों ने यह पत्र हाल में अंतरराज्यीय सीमा पर किमिन क्षेत्र पर विवाद के बाद लिखा है.
बुधवार को राष्ट्रपति भवन को दिए गए एक ज्ञापन में पार्टियों ने यह भी कहा है कि पड़ोसियों के बीच विवाद को निपटाने के लिए केंद्र को एक नीति बनानी चाहिए.
पत्र में विवाद का कारण बनी हालिया घटनाओं को रेखांकित करते हुए कहा गया है कि किमिन को असम में बिलगढ़ के तौर पर दिखाया गया और क्षेत्र में हाल ही में हुए कार्यक्रम के दौरान अरुणाचल प्रदेश का उल्लेख करने वाले साइनबोर्ड को आंशिक रूप से सफेद कर दिया गया था. इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिस्सा लिया था.
इसमें कहा गया है कि कई छात्र संगठनों, राजनीतिक दलों और स्थानीय लोगों ने राज्य में किमिन और अरुणाचल प्रदेश के नामों को साइनबोर्ड और आधारशिलाओं से धोखाधड़ी के जरिये अभूतपूर्व तरीके से विरूपित किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है.
ज्ञापन पर पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) के अध्यक्ष काहफा बेंगिया, अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के उपाध्यक्ष तेची तागे तारा, जनता दल (सेक्युलर) (जदएस) के वरिष्ठ नेता जारजुम एटे और जनता दल (यूनाइटेड) की राज्य इकाई प्रमुख रूही तागुंग द्वारा हस्ताक्षर किया गया है. इसमें कहा गया है कि सिंह के कार्यक्रम को लेकर स्थानीय प्रशासन को 'अंधेरे में' रखा गया.
रक्षा मंत्री ने 17 जुलाई को सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित 20 किलोमीटर लंबी किमिन-पोटिन सड़क का उद्घाटन किया था.