पणजी (गोवा) :जब महान शक्तियां शांतिदूतों की भूमिका निभाती हैं तो शांति की संभावनाओं को अनलॉक किया जा सकता है. उक्त बातें विदेश मंत्रियों की एससीओ परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ( Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari) ने कहीं. उन्होंने अपने मुख्य भाषण में सामूहिक रूप से आतंकवाद के खतरे को समाप्त करने का आग्रह किया. जरदारी ने कहा कि राजनयिक लाभ के लिए आतंकवाद को हथियार बनाने के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए. जरदारी का उक्त बयान विदेश मंत्री एस जयशंकर के द्वारा एससीओ बैठक के उद्धाटन भाषण में सीमा पार आतंकवाद के बारे में बात करने और उसके बेरोकटोक जारी किए जाने को रेखांकित करने के बाद आया है. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि आतंकवाद को सीमा पार आतंकवाद सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में रोका जाना चाहिए.
बता दें कि जरदारी यहां एससीओ के विदेश मंत्रियों की परिषद में भाग लेने के लिए आए हैं. संयोग से करीब 12 साल में भारत का दौरा करने वाले वह पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री हैं. बहुपक्षवाद के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, बिलावल ने आगे कहा, 'अंतररराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के उल्लंघन में राष्ट्रों द्वारा एकतरफा और अवैध उपाय एससीओ उद्देश्यों के विपरीत हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के मुद्दों के संबंध में कई वर्षों से अनिश्चित रहे हैं, यहां तक कि इस्लामाबाद किसी भी वार्ता के लिए पूर्व भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहा है. हाल ही में 20 अप्रैल को, जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में पुंछ से गुजरने वाले सेना के एक वाहन पर अज्ञात आतंकवादियों ने ग्रेनेड से हमला किया था, जिसमें पांच सैनिकों की मौत हो गई थी. इस घटना को अंजाम देने में सूत्रों के अनुसार, आतंकवादियों के लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से होने का संदेह था.
जरदारी ने अपने संबोधन में एक अंतर सरकारी संगठन के रूप में एससीओ की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एससीओ रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के माध्यम से आपसी समझ, सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में उभरा है. उन्होंने सामूहिक कार्रवाई का भी आग्रह किया और कहा कि गोवा में अपने संबोधन के दौरान हमारे लोगों की सामूहिक सुरक्षा हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है. जरदारी ने एससीओ के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता को दोहराया. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत आने पर कहा कि यहां गोवा में मेरी उपस्थिति से अधिक यह महत्वपूर्ण संकेत नहीं हो सकता है कि पाकिस्तान एससीओ को महत्व देता है.