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दो लेस्बियन लड़कियों का परवान चढ़ा प्यार, पटना SSP तक पहुंचा मामला, मांग रहीं सुरक्षा

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Published : May 6, 2022, 11:15 AM IST

Updated : May 6, 2022, 1:26 PM IST

सर्वोच्च अदालत द्वारा समलैंगिकता को लेकर दिए गए फैसले के बावजूद आज भी लेस्बियन लोगों को समाज में अच्छा नहीं माना जाता. राजधानी पटना ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां दो लड़कियां अपने समलैंगिक रिश्ते को मान्यता दिलाने के लिए एसएसपी से गुहार लगा रही हैं.

पटना में दो लेस्बियन लड़कियों ने लगाई एसएसपी से सुरक्षा की गुहार
पटना में दो लेस्बियन लड़कियों ने लगाई एसएसपी से सुरक्षा की गुहार

पटनाः बिहार की राजधानी पटना में दो लेस्बियन लड़कियां यूपी के नोएडा से आईं और सीधे महिला थाने पहुंची, लेकिन वहां उनका मामला दर्ज नहीं हुआ. उसके बाद उन्होंने एसएसपी आवास (Lesbian Girls Demand Protection To SSP In Patna) का रुख किया और उनसे मिलने की गुहार लगाई. दरअसल ये दोनों लड़कियां एक साथ रहना चाहती हैं लेकिन उनके परिवार वाले उन्हें साथ नहीं रहने दे रहे हैं. दोनों ही समलैंगिकता कानून (Homosexuality Law In India) की दुहाई देकर न्याय की मांग कर रही हैं. इनका कहना है कि वो एक दूसरे से अगल नहीं रह सकतीं और जीवन भर साथ रहने की ठान ली है.

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'साजिश के तहत हमें फंसाया जा रहा':दरअसल पाटलिपुत्रा इलाके की रहने वाली युवती तनिष्क श्री के परिजनों को जब दोनों के रिश्ते के बारे में पता चला तो उन्होंने उसके अपहरण का एक मामला पाटलिपुत्रा थाना में दर्ज कराया. आरोप लगाया कि तनिष्क की दोस्त श्रेया के परिवार वालों ने उसका अपहरण कर लिया है. जिसके बाद ये दोनों लड़कियां पटना महिला थाने पहुंची और बताया कि एक साजिश के तहत हमें फंसाया जा रहा है. हमारे परिवार वाले हम दोनों के रिश्ते को स्वीकार नहीं कर रहे. उन्होंने ये भी कहा कि उनकी जान को खतरा है.

'हम 18 प्लस हैं. यानी हम बालिग हैं और हम दोनों लड़कियां एक साथ रह सकते हैं. सरकार ने हमें यह छूट दी है. लेकिन मेरे परिवार वालों ने मेरी मित्र श्रेया घोष के परिवार वालों पर आरोप लगाया है कि मेरी बेटी का अपहरण कर लिया गया है. जबकि ऐसी कोई बात नहीं है. कोई जोर जबरदस्ती किसी के द्वारा मेरे साथ नहीं की गई है. मैं अपनी मर्जी से श्रेया साथ रहना चाहती हूं'- तनिष्क श्री, युवती

'हम अपनी दोस्त तनिष्क श्रीके साथ ही रहना चाहते हैं. हम दोनों ने एक साथ रहने की ठान ली है, जो मेरी मित्र के परिवार वालों को पसंद नहीं है और उन्होंने मेरे परिवार पर आरोप लगाया है. मैं अपनी मर्जी से अपनी मित्र के साथ रहना चाहती हूं और पुलिस से सहायता चाहती हूं कि वह हमारी जान की रक्षा करें'-श्रेया घोष, युवती

तनिष्क श्रीबताती हैं कि घर के लोगों को जब इन दोनों के रिश्तों की जानकारी हुई थी. तब उनके परिजन ने उससे मोबाइल छीन लिया था. घर से बाहर निकलना बंद हो गया था. उसके बाद एक दिन उसने अपनी महिला मित्र सहरसा की रहने वाली श्रेया घोष के साथ रहने का फैसला किया. फिर तनिष्क श्री ने फिल्म देखने जाने का बहाना बनाकर अपनी महिला मित्र श्रेया के पास पहुंच गई.उसके बाद तनिष्क के परिजनों ने उसकी महिला मित्र पर अपहरण का केस जड़ दिया, जो पूरी तरह से निराधार है.

एसएसपी आवास पहुंचकर लगाई गुहारः वहीं, इस पूरे मामले में अपने साथ न्याय की मांग को लेकर दोनों युवतियां पहले महिला थाने पहुंची. जहां महिला थाने में इन दोनों की कंप्लेन रिसीव नहीं हुई. इसके बाद दोनों युवतियां सीधे पटना एसएसपी आवास पहुंच गईं और एसएसपी आवास के बाहर न्याय की गुहार लगाने लगीं. हालांकि इस दौरान गश्ती पुलिस ने इन दोनों के मामले पर संज्ञान लेने का भरोसा देकर उन्हें स्थानीय थाना ले गई.

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5 साल पुरानी है लेस्बियन लड़कियों की लव स्टोरी: लेस्बियन छात्राओं ने पुलिस को जानकारी देते हुए बाताया कि वो लोग पटना से भागकर हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, रांची और फिर रांची से रेल के जरिए दिल्ली चली गई. गुरुवार को वह एक इंटरव्यू के सिलसिला में पटना पहुंची थी. दोनों का यह प्रेम प्रसंग करीब 5 सालों से चल रहा है और शादी करने की नियत से ही पिछले 26 अप्रैल को दोनों भाग कर दिल्ली चली गईं थीं. वहीं, पूरे मामले की जानकारी देते हुए पाटलिपुत्र थानेदार एसके शाही ने बताया कि जिस लड़की के परिजन ने अपहरण का मामला दर्ज करवाया है, उनका बयान दर्ज करवाने के बाद इस मामले में आगे की कार्यवाई की जाएगी.

सर्वोच्च अदालत ने समलैंगिकता पर दिया है फैसला:देश की सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को आईपीसी की धारा 377 की कानूनी वैधता पर फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब आपसी सहमति से दो समलैंगिकों के बीच बनाए गए संबंध को आपराधिक कृत्य नहीं माना जाएगा. तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अदालत ने 6 सितंबर 2018 को फैसला सुनाते हुए कहा था कि समलैंगिकता अपराध नहीं है. समलैंगिकों के भी वही मूल अधिकार हैं जो किसी सामान्य नागरिक के हैं. सबको सम्मान से जीने का अधिकार है.

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Last Updated : May 6, 2022, 1:26 PM IST

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