पलामू: समलैंगिक जोड़ों की शादी को मान्यता देने की दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने 2014 के फैसले से समलैंगिक आधार पर भेदभाव को असंवैधानिक करार दिया था. भारत में समलैंगिकता को कानूनी मान्यता 2018 में ही मिल गई है, लेकिन कानून समलैंगिक व्यक्तियों को शादी करने की इजाजत नहीं देता है. इसी आधार पर रांची की महिला और औरंगाबाद की लड़की पलामू थाने में मदद मांगने पहुंची (Lesbian couple appeals for help). हालांकि पुलिस और लड़की के परिजनों के समझाने के बाद दोनों अपने अपने घर चली गईं.
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हुसैनाबाद थाना में एक समलैंगिक जोड़ा पहुंच गया. जहां एक युवती के परिजनों ने थाने पहुंचकर अपनी लड़की को काफी समझाया बुझाया. हालांकि लड़की नहीं मानी और अपनी जिद पर अड़ी रही. इस पक्ष के परिवार के लोगों ने दूसरी युवती पर बहला फुसला कर वश में करने का आरोप लगाया.
जानकारी के अनुसार, रांची की रहने वाली बेबी चौहान (काल्पनिक नाम) और बिहार के औरंगाबाद जिले की पिंकी कुमारी (काल्पनिक नाम) की मुलाकात रांची में हुई थी. धीरे धीरे दोनों के बीच काफी नजदीकियां बढ़ गईं और दोनों साथ रहने लगीं. पिंकी के परिवारवालों ने रांची जाकर अपनी लड़की को काफी समझाने की कोशिश की. कुछ दिन पहले पिंकी अपने मौसी के घर हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव में आई थी. इसकी जानकारी मिलते ही बेबी भी रांची से हुसैनाबाद पहुंच गई और पिंकी को साथ ले जाने की जिद करने लगी. हालांकि पिंकी के घरवालों ने उन्हें जाने नहीं दिया.
परिवार वालों ने जब पिंकी को घर से बाहर नहीं निकलने दिया तो उसने हुसैनाबाद थाना को फोन कर कहा कि उसे बंधक बनाया गया है और उसके साथ मारपीट की जा रही है. इसकी सूचना मिलते ही पुलिस दोनों युवतियों को हुसैनाबाद थाना ले आई. यहां महिला थाना प्रभारी सुरबाला भृंगराज ने दोनों से पूछताछ की. सच्चाई पता चला कि बेबी चौहान शादी शुदा महिला है और उसके बच्चे भी हैं.
बेबी के शादीशुदा होने की बात पता चलने पर लोगों ने पिंकी कुमारी को समझाने की कोशिश की. मंगलवार की दोपहर से ही स्थानीय लोग और प्रशासन ने दोनों को समझाया, अंततः दोनों ने एक दूसरे का साथ छोड़ने का फैसला लेते हुए दोनों अपने अपने घर लौट गईं.