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गृह मंत्रालय समिति की बैठक में शामिल नहीं होगा लेह अपेक्स बॉडी और केडीए, 15 को निकालेंगे रैली - लेह एपेक्स निकाय और केडीए

लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) ने गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति के साथ प्रस्तावित बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है.

meeting of Leh APEX Body and Kargil Democratic Alliance
ह अपेक्स बॉडी और केडीए की मीटिंग

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Published : Jan 7, 2023, 10:27 PM IST

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जम्मू :लेह अपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस की एक आपातकालीन बैठक शनिवार को जम्मू में हुई (emergency meeting of Leh APEX Body and Kargil Democratic Alliance). बैठक गृह मंत्रालय द्वारा हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के बकाया मुद्दों को हल करने के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति के गठन के बारे में घोषणा के संबंध में आयोजित की गई थी. लेह एपेक्स निकाय और केडीए ने उच्चाधिकार प्राप्त समिति के गठन को स्वीकार नहीं करने और समिति के तत्वावधान में आयोजित किसी भी बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया.

बैठक में शामिल एक सदस्य ने कहा बैठक में एलएबी और केडीए के सभी सदस्यों ने भाग लिया. यह निर्णय लिया गया कि वे प्रस्तावित बैठक में भाग नहीं लेंगे क्योंकि चर्चा के लिए निर्धारित एजेंडे में उन मुद्दों को शामिल नहीं किया गया है जिनकी दोनों निकाय वकालत कर रहे हैं. उन्होंने कहा, बैठक ने आगे स्पष्ट किया कि दोनों निकाय किसी भी बैठक में भाग लेने के लिए तैयार थे जिसमें चर्चा के लिए उनके द्वारा निर्धारित चार सूत्री एजेंडा शामिल है.

उन्होंने कहा कि उनके द्वारा चर्चा के लिए प्रस्तावित चार सूत्रीय एजेंडे में लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा, भारत के संविधान की छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा, लद्दाख के युवाओं के लिए भर्ती और नौकरी में आरक्षण और दो अलग संसदीय क्षेत्रों का निर्माण शामिल है.

दोनों निकायों ने उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सदस्यों की संरचना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि गृह मंत्रालय ने मनमाने ढंग से समिति में सदस्यों को बाहर रखा और शामिल किया है. सदस्य के अनुसार बैठक में प्रस्तावित किया गया कि जिस समिति के गठन के लिए गृह मंत्रालय ने वर्ष 2021 में नामों का पैनल मांगा था, उसमें शामिल किया जाए.

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जब तक मांगे पूरी नहीं होती तब तक चार मुद्दों के समाधान के लिए आंदोलन जारी रहेगा. इस संबंध में दोनों निकायों ने 15 जनवरी को जम्मू में एक विरोध रैली और उसके बाद फरवरी के तीसरे सप्ताह में नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने का प्रस्ताव रखा है.

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