तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस के नेतृत्व में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) विधानसभा चुनाव में जहां मछुआरों के मुद्दे का उछाल रही है. वहीं लेफ्ट सरकार गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर के लिए और हार्बर को विकसित करने के लिए अमेरिकी कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) बना रहा है. यूडीएफ इसे स्थानीय चुनावों के दौरान कांग्रेस नेतृत्व वाले मोर्चे को मछली पकड़ने वाले समुदायों के बीच पैठ बनाने के लिए इस्तेमाल कर रही है. साथ ही इस समुदाय के बीच फिर से पकड़ बनाने का सुनहरा मौका मानकर चल रही है.
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने अमेरिकी कंपनी ईएमसीसी की भारतीय शाखा से 5000 करोड़ रुपये में सौदा करने के लिए मत्स्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की है. कंपनी के साथ यह सौदा गहरे समुद्र में मछली पकड़ने और संबद्ध तकनीक के लिए होगा. इसमें अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रस्ताव है. इसके अलावा गहरे समुद्र में ट्रॉलर बनाने और यूरोपीय संघ के मानकों पर बंदरगाह का उन्नयन किया जाएगा. चेन्निथला ने आरोप लगाया कि यह सौदा हमारी समुद्री संपदा को बेचने और मछुआरों की आजीविका को खतरे में डालने के लिए है.
यूडीएफ ने बनाया चुनावी मुद्दा
केरल के समुद्र में 400 ट्रॉलर और 5मदर वेसलों का उपयोग करके गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए एक अमेरिकी कंपनी के साथ करार किए जाने पर चुनाव से पहले विवाद हो गया है. विपक्ष के नेता मछुआरा समुदाय के गुस्से को यूडीएफ के पक्ष में करने की कोशिश कर रहे है. यूडीएफ ने तटीय क्षेत्रों में पहले से ही अधिक अभियान गतिविधियां शुरू कर दी हैं. 25 फरवरी को तिरुवनंतपुरम जिले के मछली पकड़ने वाले गांव पूनतुरा में रमेश चेन्निथला सुबह 9 से शाम 5 बजे तक 'सत्याग्रह' करेंगे. 1 मार्च से यूडीएफ की उच्च-स्तरीय समिति ने तिरुवनंतपुरम व कासरगोड में दो तटीय रैलियों की योजना बनाई है.