नई दिल्ली: आरएसएस(RSS) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने सोमवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की टिप्पणी को लेकर निशाना साधा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने अधिकार वापस पाने के लिए आंदोलनकारी किसानों की तरह ‘बलिदान’ करना पड़ सकता है. कुमार ने कहा कि यह बयान दर्शाता है कि फारूक को हिंसा से लगाव है, शांति से नहीं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता ने सुझाव दिया कि अगर अब्दुल्ला को भारत में घुटन महसूस होती है तो दुनिया के किसी अन्य हिस्से में रहने के लिए देश छोड़ देना चाहिए, जो उन्हें पसंद हो. कुमार ने जम्मू कश्मीर के लोगों के कथित दमन के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने के लिए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती की भी आलोचना की और कहा, ‘झूठ बोलना उनके लिए एक फैशन बन गया है.’ कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर के दोनों नेताओं को ‘भड़काने की राजनीति’ तथा देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में बाधा डालने का प्रयास बंद कर देना चाहिए.
अब्दुल्ला की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘उनके बयान से साफ पता चलता है कि उन्हें हिंसा से लगाव है, शांति से नहीं. वह कह रहे हैं कि वह सबको मरवा डालेंगे उन्हें भूखा रखो.’ आरएसएस नेता ने कहा, ‘फारूक अब्दुल्ला ने पूर्व में कहा था कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए चीन की मदद ली जाएगी. क्या हमे इसे स्वीकार करना चाहिए? कभी नहीं. यह बकवास है. अगर उन्हें यहां घुटन महसूस होती है, तो उन्हें अरब या अमेरिका, जहां चाहे वहां जाना चाहिए. उनकी पत्नी इंग्लैंड में रहती हैं. वह अपनी पत्नी के साथ रहने के लिए वहां जाने के बारे में भी सोच सकते है. वह खुश रहेंगे.’
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