हिसार: प्रदेश की राजनीति में बीजेपी नेताओं के डेरा सच्चा सौदा में नतमस्तक होने को लेकर सियासी जंग छिड़ गई है. चुनाव से ठीक पहले राम रहीम को पैरोल (Parole to Ram Rahim) मिलना और उसके बाद बीजेपी के बड़े नेताओं का उनके सत्संग में जाना इस ओर इशारा कर रहा है कि बीजेपी पार्टी डेरा प्रेमियों के वोट लुभाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस के आदमपुर उपचुनाव में प्रत्याशी जय प्रकाश ने भी अपने आप को असली डेरा प्रेमी बताया है.
जय प्रकाश (Jai Prakash) ने कहा कि बाबा राम रहीम ने कभी राजनीति में हिस्सेदारी नहीं की. बाबा कभी जयप्रकाश के खिलाफ संदेश नहीं दे सकते क्योंकि असली डेरा प्रेमी मैं हूं. बाकी सब नकली हैं. चाहे आप बाबा राम रहीम और संगत से पूछ सकते हैं. वह कभी एक प्रेमी के खिलाफ प्रचार नहीं करेंगे. राम रहीम के सत्संग में जाने वाले डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने इसको लेकर कहा कि 1960 में हमारे गांव में डेरा बना था मेरे पिता व उनके भाइयों ने डेरे के नाम जमीन दी थी.
डिप्टी स्पीकर बोले- मैं जन्म से डेरा प्रेमी, कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा- मैं असली भक्त गंगवा ने कहा मेरा जन्म 1964 में हुआ था और मैं जन्म से ही डेरे से जुड़ा हुआ हूं. मुझे इस बात का गर्व है कि मैं ऐसी विचारधारा से जुड़ा हूं जो लगातार मानवता की सेवा करने का काम करती है. इस विचारधारा की वजह से हजारों लाखों लोगों ने शराब छोड़ दी और ठीक लाइन पर आए हैं. धर्म और पॉलिटिक्स दोनों अलग-अलग चीज हैं. आप किस धर्म को मानते हैं किस मंदिर में जाते हैं, वो आपकी अपनी आस्था है.
रणबीर गंगवा ने डेरा प्रमुख के अपराध को लेकर कहा कि उन पर जो आरोप हैं उनको लेकर उनकी सजा निचली कोर्ट से हुई है. अब वह अगली कोर्ट में गए हैं. उन पर क्या फैसला आता है वह समय की बात है. ऐसे भी कई मामले हैं जहां उच्च अदालत में लोग बरी भी हो जाते हैं. रणबीर गंगवा ने कहा कि बात विचारधारा की है. और मैं आज भी डेरा सच्चा सौदा की विचारधारा को फॉलो करता हूं और करता रहूंगा.
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